https://myshopprime.com/GND.ONLINE.SHOPPING/qweexmj
Gnd news
Thursday, August 26, 2021
Saturday, October 19, 2019
रणवीर सिंह आपको चीनी मोबाइल फोन का प्रचार क्यों नहीं करना चाहिए
(Alternate: रणवीर सिंह जवाब दें, क्यों कर रहे हैं प्रचार चीनी मोबाइल फोन का?)
रणवीर सिंह आजकल एक चीनी मोबाइल फोन का प्रचार करते हुए टीवी और मीडिया में छाये हुए हैं। विज्ञापन उनके विचित्र डांस मूव्स को बहुत लुभावने तरीके से पेश करता है। कहने की आवश्यकता नहीं कि यह विज्ञापन लोगों में बहुत लोकप्रिय हो रहा है।
भारत में चीनी मोबाइल फोनों की बिक्री आसमान छू रही है जबकि कई देसी मोबाइल फोन ब्रांड्स अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। अनेक दूसरे चीनी उत्पाद आज भारतीय उत्पादों को पीछे धकेल कर चुके हैं। चीनी उत्पादों के पीछे छिपे एक घिनोने सच का हम आज करेंगे खुलासा।
फालुन दाफा एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुरेन राव ने रणवीर सिंह के नाम एक “ओपन लैटर” लिखा है जिसमे उन्होंने रणवीर सिंह को चीन के मानवाधिकार मामलों का हवाला देते हुए उन्हें चीनी उत्पादों के प्रचार से दूरी बनाने की सलाह दी है।
आप को बता दें कि फालुन दाफा (फालुन गोंग) मन और शरीर का एक साधना अभ्यास है जिसकी शुरुआत चीन में 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा की गयी। फालुन दाफा की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसका बढ़ता जनाधार चीनी कम्युनिस्ट शासकों को खलने लगा और 1999 में चीनी में इस पर पाबंदी लगा दी। आज फालुन दाफा भारत सहित विश्व के 114 से अधिक देशों में लोकप्रिय है जबकि चीन में इसका बर्बर दमन किया जा रहा है। फालुन दाफा पर अधिक जानकारी के लिए देखें: www.falundafa.org, www.faluninfo.net
सुरेन राव अपने ओपन लैटर में कहते हैं कि चीन भर में हजारों “लेबर कैंप” हैं जहाँ लाखों आध्यात्मिक और राजनैतिक समर्थक कैद हैं। इन कैदियों का शोषण कर उनसे मुफ्त खिलोने, कपड़े, मूर्तियाँ और अन्य उत्पाद बनवाये जाते हैं। यही कारण है कि ये इतने सस्ते होते हैं। इसमें से बहुत से सस्ते सामान की खपत भारत में भी होती है। याद रखें, हर बार जब आप “मेड इन चाइना” उत्पाद खरीदते हैं, तो आप एक क्रूर शासन को समृद्ध और सशक्त बना रहे हैं।
पिछले साल दिवाली के दौरान चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए सार्वजनिक अभियान चलाया गया। विडंबनापूर्ण यह है कि एक लोकप्रिय चीनी मोबाइल फोन निर्माता ने भारत में उसी दौरान 18 दिनों में दस लाख स्मार्ट फोन बेचे।
सुरेन राव आगे बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में चीन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग प्रत्यारोपण के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा है। हजारों लोग वहां अंग प्रत्यारोपण के लिए जाते हैं। किन्तु उन्हें यह जानकारी नहीं है कि ये अंग कहाँ से आते हैं। पिछले 15 वर्षों से चीन में सालाना 10,000 से अधिक अंग प्रत्यारोपण हुए हैं। चीन में अंग दान में देने की प्रथा नहीं है। तो ये अंग कहाँ से आते हैं?
यह अविश्वसनीय लगता है, किन्तु चीन में अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अंग न केवल मृत्युदण्ड प्राप्त कैदियों से आते हैं, बल्कि बड़ी संख्या में कैद निर्दोष “फालुन गोंग” अभ्यासियों से आते हैं। चीन में मानवीय अंग प्रत्यारोपण के इस अपराध में बड़े पैमाने पर अवैध धन कमाया जा रहा है। स्वतंत्र जाँच द्वारा यह प्रकाश में आया है कि चीनी शासन, सरकारी अस्पतालों की मिलीभगत से, कैदियों के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के अपराध में संग्लित है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए देखें: www.endtransplantabuse.org
फालुन दाफा को भारत में सन 2000 से सिखाना आरम्भ किया गया। तब से, देश भर के अनेकों स्कूल और कॉलेजों में इस ध्यान अभ्यास को सिखाया गया है। कई बड़े संगठनों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों लिए फालुन दाफा की कार्यशालाएं आयोजित की हैं. मुंबई के अनेक फैशन मॉडल्स भी अपने भागदौड़ भरे जीवन में स्थिरता और तनावमुक्ति के लिए फालुन दाफा को अपना रहे हैं।
पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। भारत पर दबाव बनाने के लिये चीन मसूद अजहर समर्थन, अरुणाचल प्रदेश, डोकलाम विवाद आदि का इस्तेमाल करता रहा है। किंतु चीन स्वयं आज एक दोराहे पर खड़ा है। एक ओर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी है जिसका इतिहास झूठ, छल और धोखाधड़ी का रहा है। दूसरी ओर वहां लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की आवाजें उठ रही हैं। भले ही चीन आज एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है किंतु उसके नागरिक स्वतंत्र नहीं हैं।
सुरेन राव कहते हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की धारणाएं और नीतियां उन सभी चीजों का खंडन करती हैं जिनका भारत जैसी एक प्राचीन संस्कृति और आधुनिक लोकतंत्र प्रतिनिधित्व करता है। भारत के पास चीन को सिखाने के लिये बहुत कुछ है। भारत को चीन में हो रहे मानवाधिकार हनन की निंदा करनी चाहिए। भारत को चीन में अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण समाप्त करने के लिए एक निर्णायक भूमिका निभाने की जरूरत है। यही सोच भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिला सकती है। हम भारत को मानवता के पक्ष का समर्थन करने और इतिहास के सही पक्ष में खड़ा होते देखने के लिए उत्सुक हैं।
नि:संदेह रणवीर तथा दूसरे फ़िल्मी सितारों को, जो चीनी उत्पादों का प्रचार करते हैं, को सोचना होगा कि वे भारतीय युवाओं के आगे कैसा रोल मॉडल बनना चाहते हैं और वे मानवता के किस पक्ष में खड़े हैं।
(Alternate: रणवीर सिंह जवाब दें, क्यों कर रहे हैं प्रचार चीनी मोबाइल फोन का?)
रणवीर सिंह आजकल एक चीनी मोबाइल फोन का प्रचार करते हुए टीवी और मीडिया में छाये हुए हैं। विज्ञापन उनके विचित्र डांस मूव्स को बहुत लुभावने तरीके से पेश करता है। कहने की आवश्यकता नहीं कि यह विज्ञापन लोगों में बहुत लोकप्रिय हो रहा है।
भारत में चीनी मोबाइल फोनों की बिक्री आसमान छू रही है जबकि कई देसी मोबाइल फोन ब्रांड्स अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। अनेक दूसरे चीनी उत्पाद आज भारतीय उत्पादों को पीछे धकेल कर चुके हैं। चीनी उत्पादों के पीछे छिपे एक घिनोने सच का हम आज करेंगे खुलासा।
फालुन दाफा एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुरेन राव ने रणवीर सिंह के नाम एक “ओपन लैटर” लिखा है जिसमे उन्होंने रणवीर सिंह को चीन के मानवाधिकार मामलों का हवाला देते हुए उन्हें चीनी उत्पादों के प्रचार से दूरी बनाने की सलाह दी है।
आप को बता दें कि फालुन दाफा (फालुन गोंग) मन और शरीर का एक साधना अभ्यास है जिसकी शुरुआत चीन में 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा की गयी। फालुन दाफा की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसका बढ़ता जनाधार चीनी कम्युनिस्ट शासकों को खलने लगा और 1999 में चीनी में इस पर पाबंदी लगा दी। आज फालुन दाफा भारत सहित विश्व के 114 से अधिक देशों में लोकप्रिय है जबकि चीन में इसका बर्बर दमन किया जा रहा है। फालुन दाफा पर अधिक जानकारी के लिए देखें: www.falundafa.org, www.faluninfo.net
सुरेन राव अपने ओपन लैटर में कहते हैं कि चीन भर में हजारों “लेबर कैंप” हैं जहाँ लाखों आध्यात्मिक और राजनैतिक समर्थक कैद हैं। इन कैदियों का शोषण कर उनसे मुफ्त खिलोने, कपड़े, मूर्तियाँ और अन्य उत्पाद बनवाये जाते हैं। यही कारण है कि ये इतने सस्ते होते हैं। इसमें से बहुत से सस्ते सामान की खपत भारत में भी होती है। याद रखें, हर बार जब आप “मेड इन चाइना” उत्पाद खरीदते हैं, तो आप एक क्रूर शासन को समृद्ध और सशक्त बना रहे हैं।
पिछले साल दिवाली के दौरान चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए सार्वजनिक अभियान चलाया गया। विडंबनापूर्ण यह है कि एक लोकप्रिय चीनी मोबाइल फोन निर्माता ने भारत में उसी दौरान 18 दिनों में दस लाख स्मार्ट फोन बेचे।
सुरेन राव आगे बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में चीन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग प्रत्यारोपण के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा है। हजारों लोग वहां अंग प्रत्यारोपण के लिए जाते हैं। किन्तु उन्हें यह जानकारी नहीं है कि ये अंग कहाँ से आते हैं। पिछले 15 वर्षों से चीन में सालाना 10,000 से अधिक अंग प्रत्यारोपण हुए हैं। चीन में अंग दान में देने की प्रथा नहीं है। तो ये अंग कहाँ से आते हैं?
यह अविश्वसनीय लगता है, किन्तु चीन में अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अंग न केवल मृत्युदण्ड प्राप्त कैदियों से आते हैं, बल्कि बड़ी संख्या में कैद निर्दोष “फालुन गोंग” अभ्यासियों से आते हैं। चीन में मानवीय अंग प्रत्यारोपण के इस अपराध में बड़े पैमाने पर अवैध धन कमाया जा रहा है। स्वतंत्र जाँच द्वारा यह प्रकाश में आया है कि चीनी शासन, सरकारी अस्पतालों की मिलीभगत से, कैदियों के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के अपराध में संग्लित है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए देखें: www.endtransplantabuse.org
फालुन दाफा को भारत में सन 2000 से सिखाना आरम्भ किया गया। तब से, देश भर के अनेकों स्कूल और कॉलेजों में इस ध्यान अभ्यास को सिखाया गया है। कई बड़े संगठनों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों लिए फालुन दाफा की कार्यशालाएं आयोजित की हैं. मुंबई के अनेक फैशन मॉडल्स भी अपने भागदौड़ भरे जीवन में स्थिरता और तनावमुक्ति के लिए फालुन दाफा को अपना रहे हैं।
पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। भारत पर दबाव बनाने के लिये चीन मसूद अजहर समर्थन, अरुणाचल प्रदेश, डोकलाम विवाद आदि का इस्तेमाल करता रहा है। किंतु चीन स्वयं आज एक दोराहे पर खड़ा है। एक ओर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी है जिसका इतिहास झूठ, छल और धोखाधड़ी का रहा है। दूसरी ओर वहां लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की आवाजें उठ रही हैं। भले ही चीन आज एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है किंतु उसके नागरिक स्वतंत्र नहीं हैं।
सुरेन राव कहते हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की धारणाएं और नीतियां उन सभी चीजों का खंडन करती हैं जिनका भारत जैसी एक प्राचीन संस्कृति और आधुनिक लोकतंत्र प्रतिनिधित्व करता है। भारत के पास चीन को सिखाने के लिये बहुत कुछ है। भारत को चीन में हो रहे मानवाधिकार हनन की निंदा करनी चाहिए। भारत को चीन में अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण समाप्त करने के लिए एक निर्णायक भूमिका निभाने की जरूरत है। यही सोच भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिला सकती है। हम भारत को मानवता के पक्ष का समर्थन करने और इतिहास के सही पक्ष में खड़ा होते देखने के लिए उत्सुक हैं।
नि:संदेह रणवीर तथा दूसरे फ़िल्मी सितारों को, जो चीनी उत्पादों का प्रचार करते हैं, को सोचना होगा कि वे भारतीय युवाओं के आगे कैसा रोल मॉडल बनना चाहते हैं और वे मानवता के किस पक्ष में खड़े हैं।
Friday, October 18, 2019
फालुन दाफा की ओर आकर्षित हो रहे मुंबई के फैशन मॉडल्स
मुंबई के फैशन मॉडल्स क्यों अपना रहे फालुन दाफा ध्यान अभ्यास?
मुंबई के फैशन मॉडल्स क्यों कर रहे अध्यात्म की तरफ रुख?
मुंबई फिल्म और फैशन जगत की मायानगरी है। देश भर के युवाओं को मॉडलिंग और फैशन की दुनिया बहुत आकर्षित करती है। ग्लैमर और चकाचोंध भरी इस दुनिया में कई युवा अपना संतुलन नहीं रख पाते और भटक जाते हैं, जबकि कुछ सकारात्मक समाधान खोजते हैं।
मुंबई मॉडलिंग जगत में धाक जमाने के बाद न्यूयोर्क मे रह रहीं सुपर मॉडल पूजा मोर कहती हैं कि मॉडलिंग का पेशा शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है। इस पेशे में सफल होने के लिए जहाँ एक तरफ अनुशासन, मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है वहीं दूसरी तरफ कड़ी प्रतिस्पर्धा, तनाव और अकेलेपन से भी जूझना पड़ता है। आइये हम मुंबई के मॉडलिंग और फैशन जगत से जुड़े कुछ युवाओं से जानते हैं कैसे फालुन दाफा ध्यान अभ्यास उन्हें मानसिक सयंम और स्वास्थ्य में मदद कर रहा है।
पूजा मोर केल्विन क्लाईन, गिवेंची, रोबेर्टो कावाली, लुइ वित्तों जैसे लक्ज़री ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग कर चुकी हैं और पिछले चार वर्षों से फालुन दाफा का अभ्यास रही हैं. उनका कहना है, “मैं सुबह का समय फालुन दाफा अभ्यास के लिए रखती हूँ। यह वह समय है जब मैं स्वयं से जुड़ पाती हूँ – अपने अंदर झांक पाती हूँ।“
पूजा बताती हैं कैसे फालुन दाफा ने उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया और उनके प्रेरणा का स्रोत बना। “पहले कोई काम ठीक से न होने पर मैं दूसरों की गलती निकालती थी और उन पर दोष डालती थी। किन्तु अब मैं अपनी गलती स्वीकार कर पाती हूँ और सोचती हूँ कि अगली बार और बेहतर कैसे करूँ।“
फालुन दाफा मन और शरीर का एक प्राचीन साधना अभ्यास है जो सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायामों का भी समावेश है जो व्यक्ति के शरीर को शुद्ध करने, तनाव से राहत और आंतरिक शांति प्रदान करने में सहायता करते हैं।
मिस्टर इंडिया फाइनलिस्ट रह चुके अधिराज चक्रबर्ती मुंबई के एक प्रतिष्ठित मॉडल और उभरते हुए फैशन फोटोग्राफर हैं। अधिराज पहले बहुत गुस्सेबाज थे और बात बात में आपा खो बैठते थे। अधिराज बताते हैं, “फालुन दाफा के अभ्यास से मुझे अपने अन्दर और बाहर दोनो में ही बहुत बदलाव महसूस हुए। कोलकाता से मुंबई आने के बाद मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था। लेकिन अब मैं एनेर्जेटिक महसूस करता हूँ और रोजमर्रा की परिस्थितियों में संयम रख पाता हूँ।”
फालुन दाफा का अभ्यास दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां जुलाई 1999 से इसका दमन किया जा रहा है। चीन में हो रहे दमन के बारे में अधिराज कहते हैं, “यह बिलकुल अविश्वसनीय है कि इतने शांतिमय अभ्यास को भी चीन में क्रूर दमन का सामना करना पड़ रहा है। चीन को इस अभ्यास पर गर्व होना चाहिए कि कैसे यह दुनिया भर में करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है।”
ऊटी में पली बढ़ी मोनिका थॉमस मुंबई की एक उभरती हुई युवा मॉडल हैं जो वोग, एल, हार्पर बाज़ार जैसी टॉप फैशन पत्रिकाओं के कवर की शोभा बढ़ा चुकी हैं. पिछले डेढ़ वर्ष से फालुन दाफा का अभ्यास कर रही मोनिका बताती हैं कि यह अभ्यास आरम्भ करते ही उन्हें मन और शरीर में सुखद बदलाव महसूस हुए। “फालुन दाफा से मैंने सीखा कि अपना काम करते हुए कैसे स्वयं में लगातार सुधार लाया जाये जो मुझे पहले नहीं मालूम था। अब मैं अपने विचारों और अपने आस-पास की परिस्थितियों को बेहतर तरीके से सम्भाल पाती हूँ।”
मुंबई की एक मॉडलिंग एजेंसी में मैनेजर, नेहा शाह, कहती हैं, “फालुन दाफा का अभ्यास कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है, जो मेरी भागदोड़ वाली दिनचर्या के अनुकूल है। फालुन दाफा से न केवल मेरे स्वास्थ्य में सुधार आया है बल्कि मुझे अपने अन्दर देख पाने और अपनी कमियों को परखने की योग्यता मिली है, जिससे मैं किसी भी परिस्थिति में वस्तुओं को एक बड़े दायरे में देख पाती हूँ और शांत रह पाती हूँ।”
फैशन जगत से जुड़े ये मॉडल्स अपने भागदोड़ और प्रतिस्पर्धा भरे जीवन में अध्यात्म की राह अपना कर सफलता के पायदान चढ़ रहे हैं। नि:संदेह आज की युवा पीढ़ी के लिए ये रोल मॉडल्स हैं। यदि आप भी फालुन दाफा सीखने के लिए इच्छुक हैं तो इसकी अधिक जानकारी www.falundafa.org या www.falundafaindia.org पर पा सकते हैं। फालुन दाफा पूरी तरह नि:शुल्क सिखाया जाता है।
मुंबई के फैशन मॉडल्स क्यों अपना रहे फालुन दाफा ध्यान अभ्यास?
मुंबई के फैशन मॉडल्स क्यों कर रहे अध्यात्म की तरफ रुख?
मुंबई फिल्म और फैशन जगत की मायानगरी है। देश भर के युवाओं को मॉडलिंग और फैशन की दुनिया बहुत आकर्षित करती है। ग्लैमर और चकाचोंध भरी इस दुनिया में कई युवा अपना संतुलन नहीं रख पाते और भटक जाते हैं, जबकि कुछ सकारात्मक समाधान खोजते हैं।
मुंबई मॉडलिंग जगत में धाक जमाने के बाद न्यूयोर्क मे रह रहीं सुपर मॉडल पूजा मोर कहती हैं कि मॉडलिंग का पेशा शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है। इस पेशे में सफल होने के लिए जहाँ एक तरफ अनुशासन, मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है वहीं दूसरी तरफ कड़ी प्रतिस्पर्धा, तनाव और अकेलेपन से भी जूझना पड़ता है। आइये हम मुंबई के मॉडलिंग और फैशन जगत से जुड़े कुछ युवाओं से जानते हैं कैसे फालुन दाफा ध्यान अभ्यास उन्हें मानसिक सयंम और स्वास्थ्य में मदद कर रहा है।
पूजा मोर केल्विन क्लाईन, गिवेंची, रोबेर्टो कावाली, लुइ वित्तों जैसे लक्ज़री ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग कर चुकी हैं और पिछले चार वर्षों से फालुन दाफा का अभ्यास रही हैं. उनका कहना है, “मैं सुबह का समय फालुन दाफा अभ्यास के लिए रखती हूँ। यह वह समय है जब मैं स्वयं से जुड़ पाती हूँ – अपने अंदर झांक पाती हूँ।“
पूजा बताती हैं कैसे फालुन दाफा ने उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया और उनके प्रेरणा का स्रोत बना। “पहले कोई काम ठीक से न होने पर मैं दूसरों की गलती निकालती थी और उन पर दोष डालती थी। किन्तु अब मैं अपनी गलती स्वीकार कर पाती हूँ और सोचती हूँ कि अगली बार और बेहतर कैसे करूँ।“
फालुन दाफा मन और शरीर का एक प्राचीन साधना अभ्यास है जो सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायामों का भी समावेश है जो व्यक्ति के शरीर को शुद्ध करने, तनाव से राहत और आंतरिक शांति प्रदान करने में सहायता करते हैं।
मिस्टर इंडिया फाइनलिस्ट रह चुके अधिराज चक्रबर्ती मुंबई के एक प्रतिष्ठित मॉडल और उभरते हुए फैशन फोटोग्राफर हैं। अधिराज पहले बहुत गुस्सेबाज थे और बात बात में आपा खो बैठते थे। अधिराज बताते हैं, “फालुन दाफा के अभ्यास से मुझे अपने अन्दर और बाहर दोनो में ही बहुत बदलाव महसूस हुए। कोलकाता से मुंबई आने के बाद मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था। लेकिन अब मैं एनेर्जेटिक महसूस करता हूँ और रोजमर्रा की परिस्थितियों में संयम रख पाता हूँ।”
फालुन दाफा का अभ्यास दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां जुलाई 1999 से इसका दमन किया जा रहा है। चीन में हो रहे दमन के बारे में अधिराज कहते हैं, “यह बिलकुल अविश्वसनीय है कि इतने शांतिमय अभ्यास को भी चीन में क्रूर दमन का सामना करना पड़ रहा है। चीन को इस अभ्यास पर गर्व होना चाहिए कि कैसे यह दुनिया भर में करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है।”
ऊटी में पली बढ़ी मोनिका थॉमस मुंबई की एक उभरती हुई युवा मॉडल हैं जो वोग, एल, हार्पर बाज़ार जैसी टॉप फैशन पत्रिकाओं के कवर की शोभा बढ़ा चुकी हैं. पिछले डेढ़ वर्ष से फालुन दाफा का अभ्यास कर रही मोनिका बताती हैं कि यह अभ्यास आरम्भ करते ही उन्हें मन और शरीर में सुखद बदलाव महसूस हुए। “फालुन दाफा से मैंने सीखा कि अपना काम करते हुए कैसे स्वयं में लगातार सुधार लाया जाये जो मुझे पहले नहीं मालूम था। अब मैं अपने विचारों और अपने आस-पास की परिस्थितियों को बेहतर तरीके से सम्भाल पाती हूँ।”
मुंबई की एक मॉडलिंग एजेंसी में मैनेजर, नेहा शाह, कहती हैं, “फालुन दाफा का अभ्यास कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है, जो मेरी भागदोड़ वाली दिनचर्या के अनुकूल है। फालुन दाफा से न केवल मेरे स्वास्थ्य में सुधार आया है बल्कि मुझे अपने अन्दर देख पाने और अपनी कमियों को परखने की योग्यता मिली है, जिससे मैं किसी भी परिस्थिति में वस्तुओं को एक बड़े दायरे में देख पाती हूँ और शांत रह पाती हूँ।”
फैशन जगत से जुड़े ये मॉडल्स अपने भागदोड़ और प्रतिस्पर्धा भरे जीवन में अध्यात्म की राह अपना कर सफलता के पायदान चढ़ रहे हैं। नि:संदेह आज की युवा पीढ़ी के लिए ये रोल मॉडल्स हैं। यदि आप भी फालुन दाफा सीखने के लिए इच्छुक हैं तो इसकी अधिक जानकारी www.falundafa.org या www.falundafaindia.org पर पा सकते हैं। फालुन दाफा पूरी तरह नि:शुल्क सिखाया जाता है।
इस सौन्दर्य प्रतियोगी से चीन क्यों डरा हुआ है?
कैसे इस सौन्दर्य प्रतियोगी के साहस के सामने चीन हुआ लाचार
कैसे इस सौन्दर्य प्रतियोगी का साहस बना चीन के लिए सरदर्द
चीन में जन्मी अनास्तासिया लिन 13 वर्ष की आयु से कनाडा की नागरिक है। 2015 में, मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए कनाडा की प्रतिनिधि चुने जाने के बाद उसके पास विकल्प था कि वह ग्लैमर और प्रसिद्धि की राह चुने या मानवाधिकार और स्वतंत्रता की, और उसने दूसरे को चुना। पिछले कुछ वर्षों से अनास्तासिया चीन में हो रहे मानवाधिकार हनन के विरुद्ध आवाज उठा रही है और चीन के लिए सरदर्द बनी हुई है।
सन 2015 में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता चीन में हुए थी, लेकिन, न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, लिन को चीनी अधिकारियों नें देश में प्रवेश करने से रोक दिया। 2016 में वाशिंगटन में होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में लिन फाइनल स्तर तक पहुँच गयी। किन्तु ‘द ब्लीडिंग एज’ नामक फिल्म में अभिनय करने के कारण, उसे अमरीका के प्रिमिअर में उपस्थित होने से रोका गया क्योंकि इस फिल्म में चीन में फालुन गोंग अभ्यासियों पर हो रहे मानवाधिकार हनन के मामलों को उजागर किया गया था।
फालुन गोंग (जिसे फालुन दाफा भी कहा जाता है) बुद्ध और ताओ विचारधारा पर आधारित साधना अभ्यास है जिसका चीन में दमन किया जा रहा है, जबकि यह भारत सहित दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में लोकप्रिय है। जबकि लिन सभी के लिए मानवाधिकार और स्वतंत्रता की पक्षधर है , यह उसका फालुन गोंग का अध्ययन था जिसने सर्व प्रथम उसे सक्रियता के लिए प्रेरित किया। चीन में इस अभ्यास पर पाबंदी लगी है, और माना जाता है कि इसके बहुत से अभ्यासियों को बिना सुनवाही के कैदी बना दिया गया और उन पर बर्बर अत्याचार किये गए।
चीन की हिचकिचाहट इस बात से है कि लिन फालुन गोंग की एक मुखर समर्थक और सहायक है। चीन में फालुन गोंग के दमन का खुलासा दुनिया भर के सामने हो जाने पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी असमंजस में है।
यह क्यों हो रहा है? 26 वर्षीय लिन, ब्यूटी क्वीन होने के अतिरिक्त एक अभिनेत्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता है, और वह चीनी सरकार के मानवाधिकार हनन की मुखर आलोचक रही है।
जेफ जैकोबी ने द बॉस्टन ग्लोब में लिखते हुए घोषणा की: " चीन जैसे सर्वसत्तात्मक शासन कुछ भी कर सकते हैं - अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में राजनीतिक हस्तक्षेप, शांतिपूर्ण ध्यान अभ्यास का अपराधीकरण, एक बेटी का मनोबल तोड़ने के लिए उसके पिता का ब्लैकमेल। इस तरह के शासन का विरोध करने का साहस होना आसान नहीं है। कनाडा की ब्यूटी क्वीन के पास यह साहस इतना भरपूर है कि चीन उसे किसी चीनी मंच से नहीं बोलने देता। किसी अन्य युवा महिला को मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया जा सकता है, लेकिन यह अनास्तासिया लिन है जो इस सम्मान की हकदार है। "
अपने अभिनय और मानवाधिकारों की वकालत के अलावा, लिन अपने आप में एक सेलिब्रिटी बन गई। जनवरी 2016 को, उसे MTV फोरा द्वारा "25 अंडर 25" की सूची में शामिल किया गया, जिसमें मलाला, सेलेना गोमेज़ और काइली जेनर शामिल थे। एक्टिविस्ट श्रेणी में फ्लेयर मैगजीन ने उसे "टॉप 60 अंडर 30" में शामिल किया, और मैरी क्लेयर ने उसके काम के बारे में एक साक्षात्कार में उसे "एक निर्भीक ब्यूटी क्वीन" घोषित किया।
लिन ने मई 2016 में ओस्लो फ्रीडम फोरम में भाग लिया, जहाँ उसने चीन में हो रहे फालुन गोंग के दमन, अवैध अंग प्रत्यारोपण और विश्वास की स्वतंत्रता के बारे में अपना पक्ष रखा। नेशनल रिव्यू के जे नॉर्डलिंगर ने उसके साथ एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में कहा वह वास्तव में "एक असाधारण व्यक्ति" है।
अनास्तासिया को विश्व मीडिया तक पहुँचने से रोकने में चीनी सरकार ने कोई भी चाल नहीं छोड़ी। पर वे अनास्तासिया लिन को किसी भी प्रकार से चुप करने में असंभव रहे। अपना पक्ष रखने के लिए उसे अन्य मंच मिल गए, और जैसे जैसे उस पर सेंसरशिप के प्रयास आक्रमक होते जा रहे हैं वैसे ही उस पर लोगों का ध्यान और अधिक केन्द्रित होता जा रहा है। चीन इस ब्यूटी क्वीन के साहस के आगे लाचार दिखाई दे रहा है।
साभार: द एपोक टाइम्स और विकिपीडिया http://www.theepochtimes.com/n3/1901691-why-miss-world-canada-anastasia-lin-refuses-to-be-intimidated-by-china/
कैसे इस सौन्दर्य प्रतियोगी के साहस के सामने चीन हुआ लाचार
कैसे इस सौन्दर्य प्रतियोगी का साहस बना चीन के लिए सरदर्द
चीन में जन्मी अनास्तासिया लिन 13 वर्ष की आयु से कनाडा की नागरिक है। 2015 में, मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए कनाडा की प्रतिनिधि चुने जाने के बाद उसके पास विकल्प था कि वह ग्लैमर और प्रसिद्धि की राह चुने या मानवाधिकार और स्वतंत्रता की, और उसने दूसरे को चुना। पिछले कुछ वर्षों से अनास्तासिया चीन में हो रहे मानवाधिकार हनन के विरुद्ध आवाज उठा रही है और चीन के लिए सरदर्द बनी हुई है।
सन 2015 में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता चीन में हुए थी, लेकिन, न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, लिन को चीनी अधिकारियों नें देश में प्रवेश करने से रोक दिया। 2016 में वाशिंगटन में होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में लिन फाइनल स्तर तक पहुँच गयी। किन्तु ‘द ब्लीडिंग एज’ नामक फिल्म में अभिनय करने के कारण, उसे अमरीका के प्रिमिअर में उपस्थित होने से रोका गया क्योंकि इस फिल्म में चीन में फालुन गोंग अभ्यासियों पर हो रहे मानवाधिकार हनन के मामलों को उजागर किया गया था।
फालुन गोंग (जिसे फालुन दाफा भी कहा जाता है) बुद्ध और ताओ विचारधारा पर आधारित साधना अभ्यास है जिसका चीन में दमन किया जा रहा है, जबकि यह भारत सहित दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में लोकप्रिय है। जबकि लिन सभी के लिए मानवाधिकार और स्वतंत्रता की पक्षधर है , यह उसका फालुन गोंग का अध्ययन था जिसने सर्व प्रथम उसे सक्रियता के लिए प्रेरित किया। चीन में इस अभ्यास पर पाबंदी लगी है, और माना जाता है कि इसके बहुत से अभ्यासियों को बिना सुनवाही के कैदी बना दिया गया और उन पर बर्बर अत्याचार किये गए।
चीन की हिचकिचाहट इस बात से है कि लिन फालुन गोंग की एक मुखर समर्थक और सहायक है। चीन में फालुन गोंग के दमन का खुलासा दुनिया भर के सामने हो जाने पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी असमंजस में है।
यह क्यों हो रहा है? 26 वर्षीय लिन, ब्यूटी क्वीन होने के अतिरिक्त एक अभिनेत्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता है, और वह चीनी सरकार के मानवाधिकार हनन की मुखर आलोचक रही है।
जेफ जैकोबी ने द बॉस्टन ग्लोब में लिखते हुए घोषणा की: " चीन जैसे सर्वसत्तात्मक शासन कुछ भी कर सकते हैं - अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में राजनीतिक हस्तक्षेप, शांतिपूर्ण ध्यान अभ्यास का अपराधीकरण, एक बेटी का मनोबल तोड़ने के लिए उसके पिता का ब्लैकमेल। इस तरह के शासन का विरोध करने का साहस होना आसान नहीं है। कनाडा की ब्यूटी क्वीन के पास यह साहस इतना भरपूर है कि चीन उसे किसी चीनी मंच से नहीं बोलने देता। किसी अन्य युवा महिला को मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया जा सकता है, लेकिन यह अनास्तासिया लिन है जो इस सम्मान की हकदार है। "
अपने अभिनय और मानवाधिकारों की वकालत के अलावा, लिन अपने आप में एक सेलिब्रिटी बन गई। जनवरी 2016 को, उसे MTV फोरा द्वारा "25 अंडर 25" की सूची में शामिल किया गया, जिसमें मलाला, सेलेना गोमेज़ और काइली जेनर शामिल थे। एक्टिविस्ट श्रेणी में फ्लेयर मैगजीन ने उसे "टॉप 60 अंडर 30" में शामिल किया, और मैरी क्लेयर ने उसके काम के बारे में एक साक्षात्कार में उसे "एक निर्भीक ब्यूटी क्वीन" घोषित किया।
लिन ने मई 2016 में ओस्लो फ्रीडम फोरम में भाग लिया, जहाँ उसने चीन में हो रहे फालुन गोंग के दमन, अवैध अंग प्रत्यारोपण और विश्वास की स्वतंत्रता के बारे में अपना पक्ष रखा। नेशनल रिव्यू के जे नॉर्डलिंगर ने उसके साथ एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में कहा वह वास्तव में "एक असाधारण व्यक्ति" है।
अनास्तासिया को विश्व मीडिया तक पहुँचने से रोकने में चीनी सरकार ने कोई भी चाल नहीं छोड़ी। पर वे अनास्तासिया लिन को किसी भी प्रकार से चुप करने में असंभव रहे। अपना पक्ष रखने के लिए उसे अन्य मंच मिल गए, और जैसे जैसे उस पर सेंसरशिप के प्रयास आक्रमक होते जा रहे हैं वैसे ही उस पर लोगों का ध्यान और अधिक केन्द्रित होता जा रहा है। चीन इस ब्यूटी क्वीन के साहस के आगे लाचार दिखाई दे रहा है।
साभार: द एपोक टाइम्स और विकिपीडिया http://www.theepochtimes.com/n3/1901691-why-miss-world-canada-anastasia-lin-refuses-to-be-intimidated-by-china/
http://www.falundafa.org
क्यों चीन अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन कर रहा है?
भारत जहाँ चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करने की नीति पर कायम है, चीन पाकिस्तान की शह पर कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उछालने में परहेज नहीं करता। जहाँ चीन पाकिस्तान द्वारा फैलाये जा रहे दुष्प्रचार का समर्थन कर रहा है, वहां अपने ही देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों का बर्बर दमन कर रहा है।
चीन में तिब्बती बौद्ध, वीगर मुस्लिम, कुछ इसाई पंथों और फालुन गोंग साधना पद्धति के अभ्यासियों पर कई वर्षों से क्रूर दमन किया जा रहा है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है, कैद कर लिया जाता है, अत्याचार किया जाता है और अक्सर मार दिया जाता है। चीन में अरबों डॉलर का अवैध अंग व्यापार किया जा रहा है, जिसमें इन पीड़ित वर्गों के कैदियों की हत्या तक कर दी जाती है।
हम इन धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किये जा रहे अत्याचारों का खुलासा करने के लिए यह लेख लिख रहे हैं और आपको बताना चाहते हैं कि हमारे लिए यह जानकारी क्यों प्रासंगिक है।
वीगर मुस्लिमों पर अत्याचार
चीन के पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में चीनी प्रशासन और यहां के स्थानीय वीगर मुस्लिम समुदाय के बीच संघर्ष का बहुत पुराना इतिहास है। सांस्कृतिक और जनजातीय रूप से वे खुद को मध्य एशियाई देशों के नज़दीकी मानते हैं।
1949 में जब इस क्षेत्र को कम्युनिस्ट चीन में शामिल किया गया, तभी से बीजिंग का लक्ष्य शिनजियांग को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से एकीकृत करने और हान समुदाय को वहां बड़े पैमाने पर बसाने का रहा है। परिणामस्वरूप वीगर वहां अल्पसंख्यक बन गए।
पिछले दशक के दौरान अधिकांश प्रमुख वीगर नेताओं को जेलों में ठूंस दिया जाता रहा या चरमपंथ के आरोप लगने के बाद वे विदेशों में शरण मांगने लगे। बीजिंग पर यह भी आरोप लगा कि इस इलाके में अपने दमन को सही ठहराने के लिए वो वीगर अलगवावादियों के ख़तरे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है।
यहां के मुसलमानों के प्रति रवैये के लिए चीन की दुनिया भर में खूब आलोचना हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग दस लाख वीगर मुसलमानों को री-एजुकेशन कैंप' में रखा गया है जहाँ उन पर दमन किया जाता है। विश्व वीगर कांग्रेस की अध्यक्षा रेबिया कदीर के अनुसार शिनजियांग प्रान्त की राजधानी उरुम्ची को “यंत्रणा शिविर” बना दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की जिनेवा स्थित नस्ली भेदभाव उन्मूलन समिति भी वीगरों की हिरासत से चिंतित है। उसने भी उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।
फालुन गोंग का दमन
फालुन गोंग (जिसे फालुन दाफा भी कहा जाता है) बुद्ध और ताओ विचारधारा पर आधारित साधना अभ्यास है जो सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों पर आधारित है। यह मन और शरीर की एक परिपूर्ण साधना पद्धति है जिसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायामों का भी समावेश है, किन्तु बल मन की साधना या नैतिक गुण साधना पर दिया जाता है। फालुन गोंग की शुरुआत 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा चीन की गयी। आज इसका अभ्यास दुनिया भर में, भारत सहित, 114 से अधिक देशों में किया जा रहा है।
इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण फालुन गोंग चीन में इतना लोकप्रिय हुआ कि 1999 तक करीब 7 से 10 करोड़ लोग इसका अभ्यास करने लगे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मेम्बरशिप उस समय 6 करोड़ ही थी। उस समय के चीनी शासक जियांग जेमिन ने फालुन गोंग की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसे अपनी प्रभुसत्ता के लिए खतरा माना और 20 जुलाई 1999 को इस पर पाबंदी लगा कर कुछ ही महीनों में इसे जड़ से उखाड़ देने की मुहीम चला दी।
पिछले 20 वर्षों से फालुन गोंग अभ्यासियों को चीन में यातना, हत्या, ब्रेनवाश, कारावास, बलात्कार, जबरन मज़दूरी, दुष्प्रचार, निंदा, लूटपाट, और आर्थिक अभाव का सामना करना पड रहा है। अत्याचार की दायरा बहुत बड़ा है और मानवाधिकार संगठनों द्वारा दर्ज़ किए गए मामलों की संख्या दसियों हजारों में है।
तिब्बती बुद्धिस्ट का दमन
राजनीतिक दृष्टि से तिब्बत कभी चीन का अंग नहीं रहा। माओत्से तुंग को तिब्बत के बिना कम्युनिस्ट चीन की आजादी अधूरी लगी। अंतत: 7 अक्तूबर, 1950 को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया और 1951 में तिब्बत को हड़प लिया।
1956-1958 के दौरान तिब्बत में स्वतंत्रता के लिए कई संघर्ष हुए। 1959 तिब्बत के स्वतंत्रता इतिहास में बड़ा संघर्ष का वर्ष रहा। चीन ने स्वतंत्रता आन्दोलन को दबाने के लिए सभी हथकण्डे अपनाए। हजारों तिब्बतियों को पकड़कर चीन की जेलों में रखा गया। लगभग 60,000 तिब्बतियों का बलिदान हुआ। तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को रातों-रात निर्वासित हो कर भारत में शरण लेनी पड़ी।
1959-2019 तक अर्थात पिछले 60 वर्षों से चीनियों का तिब्बत में यह खूनी दमन चक्र निरन्तर चल रहा है। चीन दलाई लामा और उनके समर्थकों को अलगाववादी ठहराता है। चीन के ऊपर तिब्बत में धार्मिक दमन और वहाँ की संस्कृति के साथ छेड़-छाड़ का आरोप लगता रहता है। तिब्बत में आज भी भाषण, धर्म या प्रेस की स्वतंत्रता नहीं है और चीन की मनमानी जारी है।
इसाई धर्म पर दमन
हाल के वर्षों में चीन में ईसाइयों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। एक अनुमान के मुताबिक़ चीन में 10 करोड़ ईसाई रहते हैं किन्तु इनमें से अधिकतर भूमिगत चर्चों (हाउस चर्च) में पूजा करते हैं। चीन की सरकार ईसाइयों को राज्य-स्वीकृत चर्चों में से किसी एक में शामिल होने के लिए दबाव डालती है, जो कम्युनिस्ट पार्टी के विचारधारा से सहमति रखते हैं।
इन हाउस चर्चों पर नियंत्रण के लिए कम्युनिस्ट पार्टी लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके तहत सैकड़ों चर्च तोड़ दिए गए। बाइबिल जला दी गईं। घरों में होली क्रॉस और जीसस की जगह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फोटो लगाने का आदेश जारी हुआ है। चीन की सरकार ने बाइबल की ऑनलाइन बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
चीन में अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण अपराध
पिछले कुछ वर्षों में चीन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग प्रत्यारोपण के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा है। आश्चर्यजनक यह है कि चीन में अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा अवधि बहुत कम है – केवल कुछ हफ्ते। जबकि दूसरे देशों में अनुकूल अंग मिलने में वर्षों लग जाते हैं। तो यह कैसे संभव है?
यह अविश्वसनीय लगता है, किन्तु चीन में अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अंग न केवल मृत्युदण्ड प्राप्त कैदियों से आते हैं, बल्कि बड़ी संख्या में कैद फालुन गोंग व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों से आते हैं। चीन में मानवीय अंग प्रत्यारोपण के इस अपराध में बड़े पैमाने पर अवैध धन कमाया जा रहा है। चीन के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण उद्योग का सालाना कारोबार 1 बिलियन डॉलर का है।
स्वतंत्र जाँच द्वारा यह प्रकाश में आया है कि चीनी शासन, सरकारी अस्पतालों की मिलीभगत से, कैदियों के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के अपराध में संग्लित है। इस अमानवीय कृत्य में हजारों फालुन गोंग अभ्यासियों की हत्या की जा चुकी है।
यह भारत के लिए प्रासंगिक क्यों है?
पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। भारत पर दबाव बनाने के लिये चीन मसूद अजहर समर्थन, अरुणाचल प्रदेश, डोकलाम, कश्मीर आदि का इस्तेमाल करता रहा है।
किंतु चीन स्वयं आज एक दोराहे पर खड़ा है। एक ओर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी है जिसका इतिहास झूठ, छल और धोखाधड़ी का रहा है। दूसरी ओर वहां लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की आवाजें उठ रही हैं। भले ही चीन आज एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है किंतु उसके नागरिक स्वतंत्र नहीं हैं।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की धारणाएं और नीतियां उन सभी चीजों का खंडन करती हैं जिनका भारत जैसी एक प्राचीन संस्कृति और आधुनिक लोकतंत्र प्रतिनिधित्व करता है। भारत के पास चीन को सिखाने के लिये बहुत कुछ है। भारत को चीन में हो रहे घोर मानवाधिकार हनन की निंदा करनी चाहिए। यही सोच भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिला सकती है। हम भारत को मानवता के पक्ष का समर्थन करने और इतिहास के सही पक्ष में खड़ा होते देखने के लिए उत्सुक हैं।
क्यों चीन अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन कर रहा है?
भारत जहाँ चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करने की नीति पर कायम है, चीन पाकिस्तान की शह पर कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उछालने में परहेज नहीं करता। जहाँ चीन पाकिस्तान द्वारा फैलाये जा रहे दुष्प्रचार का समर्थन कर रहा है, वहां अपने ही देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों का बर्बर दमन कर रहा है।
चीन में तिब्बती बौद्ध, वीगर मुस्लिम, कुछ इसाई पंथों और फालुन गोंग साधना पद्धति के अभ्यासियों पर कई वर्षों से क्रूर दमन किया जा रहा है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है, कैद कर लिया जाता है, अत्याचार किया जाता है और अक्सर मार दिया जाता है। चीन में अरबों डॉलर का अवैध अंग व्यापार किया जा रहा है, जिसमें इन पीड़ित वर्गों के कैदियों की हत्या तक कर दी जाती है।
हम इन धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किये जा रहे अत्याचारों का खुलासा करने के लिए यह लेख लिख रहे हैं और आपको बताना चाहते हैं कि हमारे लिए यह जानकारी क्यों प्रासंगिक है।
वीगर मुस्लिमों पर अत्याचार
चीन के पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में चीनी प्रशासन और यहां के स्थानीय वीगर मुस्लिम समुदाय के बीच संघर्ष का बहुत पुराना इतिहास है। सांस्कृतिक और जनजातीय रूप से वे खुद को मध्य एशियाई देशों के नज़दीकी मानते हैं।
1949 में जब इस क्षेत्र को कम्युनिस्ट चीन में शामिल किया गया, तभी से बीजिंग का लक्ष्य शिनजियांग को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से एकीकृत करने और हान समुदाय को वहां बड़े पैमाने पर बसाने का रहा है। परिणामस्वरूप वीगर वहां अल्पसंख्यक बन गए।
पिछले दशक के दौरान अधिकांश प्रमुख वीगर नेताओं को जेलों में ठूंस दिया जाता रहा या चरमपंथ के आरोप लगने के बाद वे विदेशों में शरण मांगने लगे। बीजिंग पर यह भी आरोप लगा कि इस इलाके में अपने दमन को सही ठहराने के लिए वो वीगर अलगवावादियों के ख़तरे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है।
यहां के मुसलमानों के प्रति रवैये के लिए चीन की दुनिया भर में खूब आलोचना हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग दस लाख वीगर मुसलमानों को री-एजुकेशन कैंप' में रखा गया है जहाँ उन पर दमन किया जाता है। विश्व वीगर कांग्रेस की अध्यक्षा रेबिया कदीर के अनुसार शिनजियांग प्रान्त की राजधानी उरुम्ची को “यंत्रणा शिविर” बना दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की जिनेवा स्थित नस्ली भेदभाव उन्मूलन समिति भी वीगरों की हिरासत से चिंतित है। उसने भी उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।
फालुन गोंग का दमन
फालुन गोंग (जिसे फालुन दाफा भी कहा जाता है) बुद्ध और ताओ विचारधारा पर आधारित साधना अभ्यास है जो सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों पर आधारित है। यह मन और शरीर की एक परिपूर्ण साधना पद्धति है जिसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायामों का भी समावेश है, किन्तु बल मन की साधना या नैतिक गुण साधना पर दिया जाता है। फालुन गोंग की शुरुआत 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा चीन की गयी। आज इसका अभ्यास दुनिया भर में, भारत सहित, 114 से अधिक देशों में किया जा रहा है।
इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण फालुन गोंग चीन में इतना लोकप्रिय हुआ कि 1999 तक करीब 7 से 10 करोड़ लोग इसका अभ्यास करने लगे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मेम्बरशिप उस समय 6 करोड़ ही थी। उस समय के चीनी शासक जियांग जेमिन ने फालुन गोंग की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसे अपनी प्रभुसत्ता के लिए खतरा माना और 20 जुलाई 1999 को इस पर पाबंदी लगा कर कुछ ही महीनों में इसे जड़ से उखाड़ देने की मुहीम चला दी।
पिछले 20 वर्षों से फालुन गोंग अभ्यासियों को चीन में यातना, हत्या, ब्रेनवाश, कारावास, बलात्कार, जबरन मज़दूरी, दुष्प्रचार, निंदा, लूटपाट, और आर्थिक अभाव का सामना करना पड रहा है। अत्याचार की दायरा बहुत बड़ा है और मानवाधिकार संगठनों द्वारा दर्ज़ किए गए मामलों की संख्या दसियों हजारों में है।
तिब्बती बुद्धिस्ट का दमन
राजनीतिक दृष्टि से तिब्बत कभी चीन का अंग नहीं रहा। माओत्से तुंग को तिब्बत के बिना कम्युनिस्ट चीन की आजादी अधूरी लगी। अंतत: 7 अक्तूबर, 1950 को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने तिब्बत पर आक्रमण कर दिया और 1951 में तिब्बत को हड़प लिया।
1956-1958 के दौरान तिब्बत में स्वतंत्रता के लिए कई संघर्ष हुए। 1959 तिब्बत के स्वतंत्रता इतिहास में बड़ा संघर्ष का वर्ष रहा। चीन ने स्वतंत्रता आन्दोलन को दबाने के लिए सभी हथकण्डे अपनाए। हजारों तिब्बतियों को पकड़कर चीन की जेलों में रखा गया। लगभग 60,000 तिब्बतियों का बलिदान हुआ। तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को रातों-रात निर्वासित हो कर भारत में शरण लेनी पड़ी।
1959-2019 तक अर्थात पिछले 60 वर्षों से चीनियों का तिब्बत में यह खूनी दमन चक्र निरन्तर चल रहा है। चीन दलाई लामा और उनके समर्थकों को अलगाववादी ठहराता है। चीन के ऊपर तिब्बत में धार्मिक दमन और वहाँ की संस्कृति के साथ छेड़-छाड़ का आरोप लगता रहता है। तिब्बत में आज भी भाषण, धर्म या प्रेस की स्वतंत्रता नहीं है और चीन की मनमानी जारी है।
इसाई धर्म पर दमन
हाल के वर्षों में चीन में ईसाइयों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। एक अनुमान के मुताबिक़ चीन में 10 करोड़ ईसाई रहते हैं किन्तु इनमें से अधिकतर भूमिगत चर्चों (हाउस चर्च) में पूजा करते हैं। चीन की सरकार ईसाइयों को राज्य-स्वीकृत चर्चों में से किसी एक में शामिल होने के लिए दबाव डालती है, जो कम्युनिस्ट पार्टी के विचारधारा से सहमति रखते हैं।
इन हाउस चर्चों पर नियंत्रण के लिए कम्युनिस्ट पार्टी लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके तहत सैकड़ों चर्च तोड़ दिए गए। बाइबिल जला दी गईं। घरों में होली क्रॉस और जीसस की जगह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फोटो लगाने का आदेश जारी हुआ है। चीन की सरकार ने बाइबल की ऑनलाइन बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
चीन में अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण अपराध
पिछले कुछ वर्षों में चीन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग प्रत्यारोपण के लिए पर्यटन केंद्र के रूप में उभरा है। आश्चर्यजनक यह है कि चीन में अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा अवधि बहुत कम है – केवल कुछ हफ्ते। जबकि दूसरे देशों में अनुकूल अंग मिलने में वर्षों लग जाते हैं। तो यह कैसे संभव है?
यह अविश्वसनीय लगता है, किन्तु चीन में अंगों के प्रत्यारोपण के लिए अंग न केवल मृत्युदण्ड प्राप्त कैदियों से आते हैं, बल्कि बड़ी संख्या में कैद फालुन गोंग व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों से आते हैं। चीन में मानवीय अंग प्रत्यारोपण के इस अपराध में बड़े पैमाने पर अवैध धन कमाया जा रहा है। चीन के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण उद्योग का सालाना कारोबार 1 बिलियन डॉलर का है।
स्वतंत्र जाँच द्वारा यह प्रकाश में आया है कि चीनी शासन, सरकारी अस्पतालों की मिलीभगत से, कैदियों के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के अपराध में संग्लित है। इस अमानवीय कृत्य में हजारों फालुन गोंग अभ्यासियों की हत्या की जा चुकी है।
यह भारत के लिए प्रासंगिक क्यों है?
पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। भारत पर दबाव बनाने के लिये चीन मसूद अजहर समर्थन, अरुणाचल प्रदेश, डोकलाम, कश्मीर आदि का इस्तेमाल करता रहा है।
किंतु चीन स्वयं आज एक दोराहे पर खड़ा है। एक ओर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी है जिसका इतिहास झूठ, छल और धोखाधड़ी का रहा है। दूसरी ओर वहां लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की आवाजें उठ रही हैं। भले ही चीन आज एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है किंतु उसके नागरिक स्वतंत्र नहीं हैं।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की धारणाएं और नीतियां उन सभी चीजों का खंडन करती हैं जिनका भारत जैसी एक प्राचीन संस्कृति और आधुनिक लोकतंत्र प्रतिनिधित्व करता है। भारत के पास चीन को सिखाने के लिये बहुत कुछ है। भारत को चीन में हो रहे घोर मानवाधिकार हनन की निंदा करनी चाहिए। यही सोच भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिला सकती है। हम भारत को मानवता के पक्ष का समर्थन करने और इतिहास के सही पक्ष में खड़ा होते देखने के लिए उत्सुक हैं।
[16/10, 12:27 pm] Artical. for. G. n. d: www.falundafa.org
[16/10, 12:31 pm] फालुन दाफा - मन और शरीर की साधना का अभ्यास
फालुन दाफा – एक उच्च स्तरीय साधना अभ्यास
फालुन दाफा – ध्यान और व्यायाम का उच्च स्तरीय अभ्यास
फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है) मन और शरीर की एक उच्च स्तरीय साधना पद्धति है. प्राचीन समय से यह पद्धति एक गुरु से एक शिष्य को हस्तांतरित की जाती रही है. वर्तमान समय में फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया. आज, 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं. फालुन दाफा और इसके संस्थापक, श्री ली होंगज़ी को, दुनियाभर में 1,500 से अधिक पुरस्कारों और प्रशस्तिपत्रों से नवाज़ा गया है. श्री ली होंगज़ी को नोबेल शांति पुरस्कार व स्वतंत्र विचारों के लिए सखारोव पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया जा चुका है.
‘फालुन’ का अर्थ है विधान चक्र और ‘दाफा’ का अर्थ है महान मार्ग. यह विश्व की मूलभूत प्रकृति : सत्य – करुणा – सहनशीलता के नियमों पर आधारित है. क्योंकि फालुन दाफा मन और शरीर की एक परिपूर्ण साधना पद्धति है, इसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायामों का भी समावेश है, किन्तु बल मन की साधना या नैतिक गुण साधना पर दिया जाता है. नैतिक गुण के सुधार से शरीर में व्यापक परिवर्तन आते हैं.
शरीर की साधना के लिए इस पद्धति में 5 व्यायाम सिखाये जाते हैं जो इस प्रकार हैं :
व्यायाम 1: बुद्ध सहस्त्र हस्त प्रदर्शन व्यायाम
यह व्यायाम शरीर की सभी शक्ति नाड़ियों को खोलता है जिससे शरीर में शक्ति का प्रवाह निर्विघ्न हो सके. इस व्यायाम का अभ्यास करते हुए शरीर गर्माहट महसूस करेगा तथा एक अनूठी अनुभूति का अनुभव होगा जैसे वहां एक बहुत प्रभावशाली शक्ति क्षेत्र है. यह व्यायाम फालुन गोंग के आधारभूत व्यायाम के रूप में अभ्यास किया जाता है, तथा सामान्यतः पहले किया जाता है. यह साधना को मजबूती प्रदान करने वाली विधियों में से एक है.
व्यायाम 2: फालुन स्थिर मुद्रा व्यायाम
यह शांत भाव में खड़े रहने का व्यायाम है जिसमें चक्र को थामने की चार मुद्राएं है. व्यायाम के पश्चात सारा शरीर हल्का महसूस करेगा व किसी प्रकार की थकावट महसूस नहीं होगी. यह व्यायाम सारे शरीर को पूरी तरह खोल देता है व शक्ति सामर्थ्य को बढ़ाता है. फालुन स्थिर मुद्रा व्यायाम एक सघन साधना का तरीका है, जो विवेक बढाता है स्तर ऊँचा करता है व दिव्य शक्तियों को सुदृढ़ करता है.
व्यायाम 3: ब्रह्मांड के दो छोरों का भेदन व्यायाम
यह व्यायाम विश्व की शक्ति का शरीर की भीतरी शक्ति के साथ विलय करता है. इससे शरीर कि शुद्धि होती है. बहुत ही कम समय में अभ्यासी रोगग्रस्त ची अपने शरीर से बाहर निकाल सकते हैं तथा समुचित मात्रा में ब्रह्मांड कि शक्ति अंदर ले सकते हैं, जिससे उनका शरीर निर्मल और शुद्ध होता है.
व्यायाम 4: फालुन दिव्य परिपथ व्यायाम
यह व्यायाम महान दिव्य परिपथ को सक्रिय करता है. यह मानव शरीर कि सभी असामान्य परिस्थितियों को ठीक करता है. यह व्यायाम शक्ति नाड़ियों और महान व लघु दिव्य परिक्रमाओं को खोलने की साधारण विधियों की अपेक्षा कहीं श्रेष्ठ है. यह फालुन गोंग का मध्यम स्तर का व्यायाम है. पिछले तीन व्यायामों के आधार पर इस व्यायाम का उद्देश्य शरीर की सभी शक्ति नाड़ियों को खोलना है, जिससे पूरे शरीर में, ऊपर से नीचे तक, शक्ति नाड़ियाँ धीरे-धीरे एक दूसरे से जुड़ जाएं.
व्यायाम 5: दिव्य शक्तियों को सुदृढ करने का व्यायाम
यह अभ्यास बैठकर करने वाला एक उच्च स्तरीय ध्यान अभ्यास है, जो व्यक्ति के शक्ति सामर्थ्य और दिव्य शक्तियों को सुदृढ करता है. इस व्यायाम में दोनों पैरों को एक दूसरे के ऊपर रखकर बैठना होता है. पूर्ण कमल मुद्रा उत्तम है परन्तु अर्ध कमल मुद्रा भी स्वीकार्य है. व्यायाम के दौरान ची का प्रवाह बहुत प्रबल होता है और शरीर के आस-पास का शक्ति क्षेत्र बहुत बड़ा होता है.
स्वास्थ्य लाभ
फालुन दाफा में नैतिक गुण साधना प्राथमिक है; व्यायाम और ध्यान आवश्यक हैं, किन्तु अनुपूरक हैं. गुरु ली होंगज़ी द्वारा लिखित पुस्तक ज़ुआन फालुन के अनुसार “.... अपनी साधना शक्ति बढ़ा पाने में असफल रहने का मूल कारण यह है कि “साधना” और “अभ्यास” दो शब्दों में से, लोग केवल अभ्यास पर ध्यान देते हैं और साधना भूल जाते हैं.... आपकी वास्तविक प्रगति के लिए नैतिक गुण के प्रत्येक पहलू में सुधार आवश्यक है. यह शक्ति सामर्थ्य बढ़ाने के लिए निर्णायक पहलू है.... जैसे ही आप अपने नैतिक गुण में सुधार करते हैं, आपके शरीर में एक महान परिवर्तन होगा. नैतिक गुण में सुधार होने पर आपके शरीर के पदार्थ का रूपांतरण अवश्यंभावी है.”
फालुन दाफा मन और शरीर की एक परिपूर्ण साधना पद्धति है, यही कारण है कि फालुन दाफा अभ्यास से लोगों को कम समय में ही आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं. पुस्तक “Life and Hope Renewed - The Healing Power of Falun Dafa” में फालुन दाफा अभ्यास द्वारा अनेक लोगों के गंभीर और जानलेवा बीमारियों से उबरने के अनुभव संकलित हैं. यह पुस्तक http://en.minghui.org/html/articles/2005/4/3/59184.html से डाउनलोड की जा सकती है.
डॉ औ, जो ताइवान के एक ओर्थोपेडिक चिकित्सक हैं और युद्ध कला के विशेषग्य तथा ताई ची के 15 वर्ष तक अभ्यासी रहे, ने यह सब फालुन दाफा के लिए छोड़ दिया. उनका का कहना है कि प्रशिक्षण द्वारा शारीरिक गठन और शक्ति का संचय करना धन एकत्रित करने के समान है जो केवल इसी जीवन तक सीमित रहता है. “आपकी मृत्यु के पश्चात यह सब समाप्त हो जाता है. केवल फालुन दाफा आपके पूर्व कर्म से मुक्ति दिला सकता है और इसी जीवनकाल में मन, शरीर और आत्मा की साधना द्वारा ज्ञान प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है.”
चीन में फालुन दाफा द्वारा स्वास्थ्य लाभ की प्रभावशीलता आंकने के लिए बड़े पैमाने पर अनेक सर्वेक्षण किये गए. 1998 में एक सर्वेक्षण बीजिंग शहर के 200 से अधिक व्यायाम स्थलों पर 12400 लोगों में किया गया. करीब आधे प्रतिभागी (52.6%) फालुन दाफा का अभ्यास 1 से 3 वर्ष से कर रहे थे, और 49.8% प्रतिभागियों को औसत 3 बीमारियाँ थीं. सर्वेक्षण के समय 58.5% लोगों ने पूर्ण स्वास्थ्य लाभ, 24.9% ने बुनियादी लाभ और 15.7% ने आंशिक लाभ का वर्णन किया. अभ्यास आरम्भ करने के बाद जिन लोगों को अधिक ऊर्जावान महसूस हुआ उनकी संख्या 3.5% से 55.3% बढ़ गयी, और 80.3% लोगों ने व्यापक मानसिक स्वास्थ्य लाभ का दावा किया.
यह आकलन किया गया कि प्रत्येक अभ्यासी के स्वास्थ्य लाभ के कारण राष्ट्र को सालाना 3270 युआन के चिकित्सा सम्बन्धी खर्चों की बचत हुई. चीन के राष्ट्रीय खेल परिषद के अधिकारी ने वक्तव्य दिया कि “फालुन दाफा अभ्यास से प्रति व्यक्ति सालाना 1000 युआन की चिकित्सा खर्चों की बचत होती है. यदि 10 करोड़ लोग अभ्यास कर रहे हैं तो इससे 10,000 करोड़ युआन की वार्षिक बचत होती है” (US News & World Report, 2/22/99).
फालुन दाफा साधना कैसे सीखें
फालुन दाफा की शिक्षाओं का संकलन श्री ली होंगज़ी द्वारा लिखित निम्न पुस्तकों में उपलब्ध है:
फालुन गोंग : इसमें फालुन दाफा के सिधान्तों की चर्चा और अभ्यास का वर्णन दिया गया है. व्यायाम कैसे करें यह उदाहरण द्वारा समझाया गया है.
ज़ुआन फालुन : फालुन दाफा की मुख्य पुस्तक, जिसमें गुरु ली होंगज़ी के नौ व्याख्यानो का संग्रह है. ज़ुआन फालुन इस पद्धति के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शक है.
फालुन दाफा की पुस्तकें, व्यायाम निर्देश और अभ्यास स्थलों कि जानकारी इसकी वेबसाइट www.falundafa.org और www.falundafaindia.org पर उपलब्ध है. फालुन दाफा अभ्यास सदैव नि:शुल्क सिखाया जाता है.
चीन में दमन
फालुन गोंग का अभ्यास दुनियाभर में करोड़ों लोगों द्वारा किया जा रहा है. लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन गोंग की जन्म भूमि है, वहां इसका दमन किया जा रहा है. इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण चीन में फालुन दाफा इतना लोकप्रिय हुआ कि 1999 तक करीब 7 से 10 करोड़ लोग इसका अभ्यास करने लगे. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मेम्बरशिप उस समय 6 करोड़ ही थी. इसका बढ़ता जनाधार चीनी शासकों को खलने लगा. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने फालुन दाफा की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसे अपने प्रभुसत्ता के लिए खतरा माना और 20 जुलाई 1999 को इसपर पाबंदी लगा दी और इसे कुछ ही महीनों में जड़ से उखाड़ देने की मुहीम चला दी.
पिछले 17 वर्षों से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी फालुन गोंग को दबाने के लिए क्रूर दमन कर रही है. लाखों फालुन गोंग अभ्यासियों को बंदी बना लिया गया, लेबर कैंप में भेजा गया, उनकी जमीन-जायदाद जब्त कर लीं. अभ्यासियों को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती हैं और अभ्यास को छोड़ने के लिए ब्रेनवाश किया जाता है. स्वतंत्र जाँच द्वारा यह प्रकाश में आया है कि चीनी शासन, सरकारी अस्पतालों की मिलीभगत से, कैदियों के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के अपराध में संग्लित है. चीन में कैद फालुन गोंग अभ्यासी इस मानवता के विरुद्ध अपराध के मुख्य शिकार हैं. इस अमानवीय कृत्य में हजारों फालुन गोंग अभ्यासियों की हत्या की जा चुकी है.
पिछले 19 साल से फालुन दाफा अभ्यासी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अपराधों को उजागर करने और चीन में हो रहे दमन को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं.
[16/10, 12:31 pm] फालुन दाफा - मन और शरीर की साधना का अभ्यास
फालुन दाफा – एक उच्च स्तरीय साधना अभ्यास
फालुन दाफा – ध्यान और व्यायाम का उच्च स्तरीय अभ्यास
फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है) मन और शरीर की एक उच्च स्तरीय साधना पद्धति है. प्राचीन समय से यह पद्धति एक गुरु से एक शिष्य को हस्तांतरित की जाती रही है. वर्तमान समय में फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया. आज, 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं. फालुन दाफा और इसके संस्थापक, श्री ली होंगज़ी को, दुनियाभर में 1,500 से अधिक पुरस्कारों और प्रशस्तिपत्रों से नवाज़ा गया है. श्री ली होंगज़ी को नोबेल शांति पुरस्कार व स्वतंत्र विचारों के लिए सखारोव पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया जा चुका है.
‘फालुन’ का अर्थ है विधान चक्र और ‘दाफा’ का अर्थ है महान मार्ग. यह विश्व की मूलभूत प्रकृति : सत्य – करुणा – सहनशीलता के नियमों पर आधारित है. क्योंकि फालुन दाफा मन और शरीर की एक परिपूर्ण साधना पद्धति है, इसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायामों का भी समावेश है, किन्तु बल मन की साधना या नैतिक गुण साधना पर दिया जाता है. नैतिक गुण के सुधार से शरीर में व्यापक परिवर्तन आते हैं.
शरीर की साधना के लिए इस पद्धति में 5 व्यायाम सिखाये जाते हैं जो इस प्रकार हैं :
व्यायाम 1: बुद्ध सहस्त्र हस्त प्रदर्शन व्यायाम
यह व्यायाम शरीर की सभी शक्ति नाड़ियों को खोलता है जिससे शरीर में शक्ति का प्रवाह निर्विघ्न हो सके. इस व्यायाम का अभ्यास करते हुए शरीर गर्माहट महसूस करेगा तथा एक अनूठी अनुभूति का अनुभव होगा जैसे वहां एक बहुत प्रभावशाली शक्ति क्षेत्र है. यह व्यायाम फालुन गोंग के आधारभूत व्यायाम के रूप में अभ्यास किया जाता है, तथा सामान्यतः पहले किया जाता है. यह साधना को मजबूती प्रदान करने वाली विधियों में से एक है.
व्यायाम 2: फालुन स्थिर मुद्रा व्यायाम
यह शांत भाव में खड़े रहने का व्यायाम है जिसमें चक्र को थामने की चार मुद्राएं है. व्यायाम के पश्चात सारा शरीर हल्का महसूस करेगा व किसी प्रकार की थकावट महसूस नहीं होगी. यह व्यायाम सारे शरीर को पूरी तरह खोल देता है व शक्ति सामर्थ्य को बढ़ाता है. फालुन स्थिर मुद्रा व्यायाम एक सघन साधना का तरीका है, जो विवेक बढाता है स्तर ऊँचा करता है व दिव्य शक्तियों को सुदृढ़ करता है.
व्यायाम 3: ब्रह्मांड के दो छोरों का भेदन व्यायाम
यह व्यायाम विश्व की शक्ति का शरीर की भीतरी शक्ति के साथ विलय करता है. इससे शरीर कि शुद्धि होती है. बहुत ही कम समय में अभ्यासी रोगग्रस्त ची अपने शरीर से बाहर निकाल सकते हैं तथा समुचित मात्रा में ब्रह्मांड कि शक्ति अंदर ले सकते हैं, जिससे उनका शरीर निर्मल और शुद्ध होता है.
व्यायाम 4: फालुन दिव्य परिपथ व्यायाम
यह व्यायाम महान दिव्य परिपथ को सक्रिय करता है. यह मानव शरीर कि सभी असामान्य परिस्थितियों को ठीक करता है. यह व्यायाम शक्ति नाड़ियों और महान व लघु दिव्य परिक्रमाओं को खोलने की साधारण विधियों की अपेक्षा कहीं श्रेष्ठ है. यह फालुन गोंग का मध्यम स्तर का व्यायाम है. पिछले तीन व्यायामों के आधार पर इस व्यायाम का उद्देश्य शरीर की सभी शक्ति नाड़ियों को खोलना है, जिससे पूरे शरीर में, ऊपर से नीचे तक, शक्ति नाड़ियाँ धीरे-धीरे एक दूसरे से जुड़ जाएं.
व्यायाम 5: दिव्य शक्तियों को सुदृढ करने का व्यायाम
यह अभ्यास बैठकर करने वाला एक उच्च स्तरीय ध्यान अभ्यास है, जो व्यक्ति के शक्ति सामर्थ्य और दिव्य शक्तियों को सुदृढ करता है. इस व्यायाम में दोनों पैरों को एक दूसरे के ऊपर रखकर बैठना होता है. पूर्ण कमल मुद्रा उत्तम है परन्तु अर्ध कमल मुद्रा भी स्वीकार्य है. व्यायाम के दौरान ची का प्रवाह बहुत प्रबल होता है और शरीर के आस-पास का शक्ति क्षेत्र बहुत बड़ा होता है.
स्वास्थ्य लाभ
फालुन दाफा में नैतिक गुण साधना प्राथमिक है; व्यायाम और ध्यान आवश्यक हैं, किन्तु अनुपूरक हैं. गुरु ली होंगज़ी द्वारा लिखित पुस्तक ज़ुआन फालुन के अनुसार “.... अपनी साधना शक्ति बढ़ा पाने में असफल रहने का मूल कारण यह है कि “साधना” और “अभ्यास” दो शब्दों में से, लोग केवल अभ्यास पर ध्यान देते हैं और साधना भूल जाते हैं.... आपकी वास्तविक प्रगति के लिए नैतिक गुण के प्रत्येक पहलू में सुधार आवश्यक है. यह शक्ति सामर्थ्य बढ़ाने के लिए निर्णायक पहलू है.... जैसे ही आप अपने नैतिक गुण में सुधार करते हैं, आपके शरीर में एक महान परिवर्तन होगा. नैतिक गुण में सुधार होने पर आपके शरीर के पदार्थ का रूपांतरण अवश्यंभावी है.”
फालुन दाफा मन और शरीर की एक परिपूर्ण साधना पद्धति है, यही कारण है कि फालुन दाफा अभ्यास से लोगों को कम समय में ही आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं. पुस्तक “Life and Hope Renewed - The Healing Power of Falun Dafa” में फालुन दाफा अभ्यास द्वारा अनेक लोगों के गंभीर और जानलेवा बीमारियों से उबरने के अनुभव संकलित हैं. यह पुस्तक http://en.minghui.org/html/articles/2005/4/3/59184.html से डाउनलोड की जा सकती है.
डॉ औ, जो ताइवान के एक ओर्थोपेडिक चिकित्सक हैं और युद्ध कला के विशेषग्य तथा ताई ची के 15 वर्ष तक अभ्यासी रहे, ने यह सब फालुन दाफा के लिए छोड़ दिया. उनका का कहना है कि प्रशिक्षण द्वारा शारीरिक गठन और शक्ति का संचय करना धन एकत्रित करने के समान है जो केवल इसी जीवन तक सीमित रहता है. “आपकी मृत्यु के पश्चात यह सब समाप्त हो जाता है. केवल फालुन दाफा आपके पूर्व कर्म से मुक्ति दिला सकता है और इसी जीवनकाल में मन, शरीर और आत्मा की साधना द्वारा ज्ञान प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है.”
चीन में फालुन दाफा द्वारा स्वास्थ्य लाभ की प्रभावशीलता आंकने के लिए बड़े पैमाने पर अनेक सर्वेक्षण किये गए. 1998 में एक सर्वेक्षण बीजिंग शहर के 200 से अधिक व्यायाम स्थलों पर 12400 लोगों में किया गया. करीब आधे प्रतिभागी (52.6%) फालुन दाफा का अभ्यास 1 से 3 वर्ष से कर रहे थे, और 49.8% प्रतिभागियों को औसत 3 बीमारियाँ थीं. सर्वेक्षण के समय 58.5% लोगों ने पूर्ण स्वास्थ्य लाभ, 24.9% ने बुनियादी लाभ और 15.7% ने आंशिक लाभ का वर्णन किया. अभ्यास आरम्भ करने के बाद जिन लोगों को अधिक ऊर्जावान महसूस हुआ उनकी संख्या 3.5% से 55.3% बढ़ गयी, और 80.3% लोगों ने व्यापक मानसिक स्वास्थ्य लाभ का दावा किया.
यह आकलन किया गया कि प्रत्येक अभ्यासी के स्वास्थ्य लाभ के कारण राष्ट्र को सालाना 3270 युआन के चिकित्सा सम्बन्धी खर्चों की बचत हुई. चीन के राष्ट्रीय खेल परिषद के अधिकारी ने वक्तव्य दिया कि “फालुन दाफा अभ्यास से प्रति व्यक्ति सालाना 1000 युआन की चिकित्सा खर्चों की बचत होती है. यदि 10 करोड़ लोग अभ्यास कर रहे हैं तो इससे 10,000 करोड़ युआन की वार्षिक बचत होती है” (US News & World Report, 2/22/99).
फालुन दाफा साधना कैसे सीखें
फालुन दाफा की शिक्षाओं का संकलन श्री ली होंगज़ी द्वारा लिखित निम्न पुस्तकों में उपलब्ध है:
फालुन गोंग : इसमें फालुन दाफा के सिधान्तों की चर्चा और अभ्यास का वर्णन दिया गया है. व्यायाम कैसे करें यह उदाहरण द्वारा समझाया गया है.
ज़ुआन फालुन : फालुन दाफा की मुख्य पुस्तक, जिसमें गुरु ली होंगज़ी के नौ व्याख्यानो का संग्रह है. ज़ुआन फालुन इस पद्धति के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शक है.
फालुन दाफा की पुस्तकें, व्यायाम निर्देश और अभ्यास स्थलों कि जानकारी इसकी वेबसाइट www.falundafa.org और www.falundafaindia.org पर उपलब्ध है. फालुन दाफा अभ्यास सदैव नि:शुल्क सिखाया जाता है.
चीन में दमन
फालुन गोंग का अभ्यास दुनियाभर में करोड़ों लोगों द्वारा किया जा रहा है. लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन गोंग की जन्म भूमि है, वहां इसका दमन किया जा रहा है. इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण चीन में फालुन दाफा इतना लोकप्रिय हुआ कि 1999 तक करीब 7 से 10 करोड़ लोग इसका अभ्यास करने लगे. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मेम्बरशिप उस समय 6 करोड़ ही थी. इसका बढ़ता जनाधार चीनी शासकों को खलने लगा. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने फालुन दाफा की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसे अपने प्रभुसत्ता के लिए खतरा माना और 20 जुलाई 1999 को इसपर पाबंदी लगा दी और इसे कुछ ही महीनों में जड़ से उखाड़ देने की मुहीम चला दी.
पिछले 17 वर्षों से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी फालुन गोंग को दबाने के लिए क्रूर दमन कर रही है. लाखों फालुन गोंग अभ्यासियों को बंदी बना लिया गया, लेबर कैंप में भेजा गया, उनकी जमीन-जायदाद जब्त कर लीं. अभ्यासियों को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती हैं और अभ्यास को छोड़ने के लिए ब्रेनवाश किया जाता है. स्वतंत्र जाँच द्वारा यह प्रकाश में आया है कि चीनी शासन, सरकारी अस्पतालों की मिलीभगत से, कैदियों के अवैध मानवीय अंग प्रत्यारोपण के अपराध में संग्लित है. चीन में कैद फालुन गोंग अभ्यासी इस मानवता के विरुद्ध अपराध के मुख्य शिकार हैं. इस अमानवीय कृत्य में हजारों फालुन गोंग अभ्यासियों की हत्या की जा चुकी है.
पिछले 19 साल से फालुन दाफा अभ्यासी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अपराधों को उजागर करने और चीन में हो रहे दमन को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं.
Monday, October 7, 2019
[07/10, 8:25 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सभी देशवासियों को मेरी तरफ से दशहरा दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं// अगर आप में से कोई किसी भी प्रकार का विज्ञापन देना चाहे- सेटेलाइट मीडिया, सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया// हर प्रकार से विज्ञापन दे सकता है///// 9839633639 पर पर्सनल व्हाट्सएप के द्वारा अधिक जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं.. सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक/////// अजीत सिंह सैनी राष्ट्रीय न्यूज़ ब्यूरो जी एन डी न्यूज़
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बाथम वैश्य सभा लखनऊ*
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोद भराई का कार्य हुआ
जे सी गेस्ट हाउस निराला नगर मैं हुआ
21 बेटियों की पूर्ण भव्यता से गोद भराई संपन्न हुई
13 नवंबर को होगा सभी बेटियों का विवाह हमारे सभी सम्मानित भाई लोगों की उपस्थिति में व डालीगंज व्यापार मंडल लखनऊ व बाथम वैश्य समाज लखनऊ के लोग उपस्थिति हुए व बाहर से आए हुए अतिथि गण भी मौजूद रहे 21 जोड़ों की गोद भराई करवाई व सभी जोड़ों को बधाई देते हुए ईश्वर से लंबी उम्र की दुआ करते हुए इसी तरह कार्य को संपन्न किया गया इससे पहले आप सभी को अवगत कराया जा चुका था कि 2 अक्टूबर 2019 को गोद भराई का कार्य होगा आप सभी को एक बार फिर से सूचित किया जा रहा है की 13 नवंबर को 21 जोड़ों का विवाह का कार्य संपन्न होगा रामाधीन सिंह उत्सव लान निकट आईटी चौराहा लखनऊ विदाई 14 नवंबर 2019 प्रातः 6:00 बजे में आप सब आकर के सभी जोड़ों को बधाई दे श्री अतुल गुप्ता अध्यक्ष बाथम वैश्य सभा लखनऊ आयोजक डालीगंज हसनगंज व्यापार मंडल लखनऊ
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *सपा सांसद आजम खां के खिलाफ वारंट जारी, बेटे और पत्नी का भी नाम*
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के खिलाफ गुरुवार शाम अदालत ने वारंट जारी कर दिया है। वारंट में पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम के नाम भी शामिल हैं। भाजपा नेता आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीनों के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है।
बता दें कि आकाश सक्सेना द्वारा की गई शिकायत के आधार पर आजम खां, तजीन फातमा और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
आजम खां व तंजीन फात्मा पर जालसाजी करते हुए बेटे अब्दुल्लाह आजम के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप हैं। मामले की सुनवाई के लिए आजम खां को पत्नी और बेटे समेत गुरुवार को अदालत में पेश होना था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुए।
शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अक्तूबर की तारीख दी गई है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सॉल्वर गैंग का 'मास्टमाइंड' निकला रेलवे का कर्मचारी, लाखों रुपये में लेता था पास कराने का ठेका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की लोअर पीसीएस की परीक्षा के दौरान पकड़े गए सॉल्वर गैंग के मुख्य आरोपी विवेक को भी नई मंडी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने गैंग का खुलासा करते हुए एक सॉल्वर के अलावा गैंग के चार सदस्यों को बुधवार को जेल भेजा था। इस गैंग से जुड़े अभी दो आरोपियों की पुलिस को तलाश है, जो पुणे के बताए गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में पुणे गई है। मंगलवार को शहर में कई केंद्रों पर यूपीएसएसएससी की लोअर पीसीएस की परीक्षा हुई थी। एक सूचना पर सचल दल ने गांधी कॉलोनी स्थित एसडी कन्या इंटर कॉलेज में स्थित परीक्षा केंद्र पर किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर बिहार के जनपद रोहताश के बघेला पोस्ट थाना क्षेत्र के गांव छनहा निवासी मुकेश को पकड़ा था।
सॉल्वर मुकेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने बिजनौर जनपद के मोहल्ला कुटिया निवासी अमित कुमार, विशेषांक व हरेंद्र सिंह और हीमपुर दीपा के गांव टूंगरी निवासी ऋषभ को गिरफ्तार सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया था, जबकि मुख्य आरोपी बिजनौर जिले के नूरपुर कस्बे के मोहल्ला इस्लामनगर निवासी विवेक पुत्र रमेश फरार हो गया था।
गुरुवार को नई मंडी पुलिस ने मुख्य आरोपी विवेक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि विवेक ही बिजनौर निवासी अमित के साथ मिल कर सॉल्वर गैंग चलाता हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार प्रांत से सॉल्वर को बुलाकर परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलाते हैं। इस परीक्षा में भी तीन परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए आठ-आठ लाख रुपये में ठेका लिया गया था। गैंग में शामिल पुणे के दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम पुणे गई है।
रेलवे में नौकरी करता है विवेक
इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि पकड़ा गया विवेक खुद रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी करता है। उसकी तैनाती वर्तमान में धामपुर के पास हबीबवाला स्टेशन पर है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: उन्नाव :- 160 किमी की रफ्तार वाली पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस शुक्रवार को लखनऊ से सुबह 9.55 पर अपने सफर पर निकली। लखनऊ से उन्नाव, कानपुर होते हुए दिल्ली रूट पर दौडऩे वाली ट्रेन की रफ्तार कुसुंभी से सोनिक स्टेशन के बीच 100 किमी प्रति घंटा रही। ट्रेन उन्नाव स्टेशन से 50 किमी के कॉशन से पास हुई। कानपुर की ट्रेनों का प्लेटफार्म उन्नाव में बदला गया। उन्नाव स्टेशन पर ये ट्रेन सुबह 10.44 बजे निकली। रेलवे क्रासिंग के साथ प्लेटफार्म पर आरपीएफ तैनात रही। तेजस एक्सप्रेस के लिए उत्तर रेलवे ने कानपुर रूट की ट्रेनों का प्लेटफार्म बदल दिया गया था। प्रयागराज इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कानपुर एलकेएम के साथ उत्सर्ग एक्सप्रेस को दो नंबर से हटा एक लाइन नंबर से पास कराया गया। उन्नाव स्टेशन में बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन निकलने का इंतजार करते रहे। लखनऊ से सोनिक के मध्य ट्रेन की रफ्तार बीच-बीच में बदलती रही। कुसुंभी से ट्रेन को 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार मिली। इससे पहले ट्रेन 110-120 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। सोनिक के बाद ट्रेन की रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा हो गई, जो उन्नाव स्टेशन के दो नंबर लाइन पर 50 किमी प्रति घंटा रही। होम सिग्नल क्रास करते ही पश्चिम केबिन से ट्रेन को 80 किमी प्रति घंटा की चाल मिली। इसके बाद मगरवारा तक ट्रेन की औसत गति 90 किमी प्रति घंटा रही। इसके बाद सहजनी और ऋषि नगर केबिन तक ट्रेन 85 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। गंगा रेल पुल से मुरे कंपनी क्रासिंग के बीच ट्रेन 40 किमी प्रति घंटा के कॉशन से कानपुर रवाना की गई। क्रासिंग पर आरपीएफ का सख्त पहरा रहा। वाहन सवारों के साथ पैदल निकल रहे लोगों को ट्रेन निकलने से 10 मिनट पहले ही रोक दिया गया था।
एक नजर में ट्रेन और स्पीड
स्टेशन समय स्पीड
कुसुंभी 10.05 बजे 100 किमी प्रति घंटा
जैतीपुर 10.11 बजे 100 किमी प्रति घंटा
अजगैन 10.13 बजे 100 किमी प्रति घंटा
सोनिक 10.40 बजे 75 किमी प्रति घंटा
उन्नाव 10.44 बजे 50 किमी प्रति घंटा
मगरवारा 10.48 बजे 90 किमी प्रति घंटा
गंगाघाट 10.53 बजे 40 किमी प्रति घंटा
कानपुर से 415 यात्री रवाना
तेजस एक्सप्रेस का पहले दिन कानपुर सेंट्रल पर जोरदार स्वागत किया गया। ट्रेन में पहले दिन 415 यात्री दिल्ली और गाजियाबाद के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को पहले दिन अपने निर्धारित समय सुबह दस बजकर चालीस मिनट के बजाय ये ट्रेन सुबह ग्यारह बजकर तीन मिनट पर कानपुर सेंट्रल आई।
सेंट्रल स्टेशन पर बुक हुआ एक टिकट
तेजस एक्सप्रेस में इन लाइन आरक्षण की सुविधा दी गई है। पहले दिन कानपुर सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड में बनाए गए अतिरिक्त काउंटर से मात्र एक टिकट बुक हुआ।
12 मिनट रुकी रही ट्रेन
तेजस एक्सप्रेस में दो बार चेन पुलिंग होने से ट्रेन लेट हो गई। आईआरसीटीसी द्वारा ट्रेन में खाना न पहुंचा पाने पर कर्मियों ने चेन पुलिंग कर दी। आरपीएफ ने एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: अयोध्या: वकील की दलील, 'T-20 मैच की तरह हो रही सुनवाई', CJI ने कहा...
नई दिल्ली: पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या केस के सभी पक्षकारों से 18 अक्टूबर तक अपनी जिरह पूरी करने को कहा था. उस पृष्ठभूमि में मुस्लिम पक्ष की बहस के बाद गुरुवार शाम तक हिन्दू पक्ष को अपना जवाब देना है. इस कड़ी में अयोध्या केस (Ayodhya Case) की गुरुवार को 36वें दिन की सुनवाई में 20 मिनट के अंदर 2 हिन्दू पक्षकारों की दलील समेटने के बाद जब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़े के वकील से कहा कि आपके पास डेढ़ घंटे का समय है तो अखाड़े के वकील सुशील जैन ने कहा कि सुनवाई 20-20 मैच की तरह चल रही है.
इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं.
दरअसल निर्मोही अखाड़े के वकील द्वारा सुनवाई की तुलना 20-20 मैच से करने पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं. हमने आपको 4-5 दिन विस्तार से सुना है फिर भी आप इस तरह की बात कर रहे हैं. सुशील जैन ने अपने बयान के लिए खेद जताया. हिन्दू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार को बमुश्किल 5 मिनट का समय ही मिला था जवाब देने के लिए. रामलला के वकील नरसिम्हन को 15 मिनट का समय मिला था...
अयोध्या केस: 'खुदाई में मिली कमल की आकृति...वह संरचना मंदिर ही थी'
रामललला विराजमान के वकील पी नरसिम्हा ने स्कंद पुराण का हवाला देते हुए कहा कि स्कंद पुराण में भी श्रीरामजन्म स्थान का जिक्र है और हिंदुओ का ये विश्वास रहा है कि यहां दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुरातत्व विभाग के सबूत भी हमारे विश्वास की ही पुष्टि करते है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुशील जैन से पूछा कि उनको अपनी दलील पूरी करने में कितना समय लगेगा? जैन ने कहा कि मैं कोर्ट का एक मिनट भी बर्बाद नही करूंगा. जल्द से जल्द अपनी बात रखूंगा. निर्मोही अखाड़ा के वकील ने कहा कि वी आर वेरी पुअर पार्टी इन दिस केस. मैं जानता हूं कि आपके पास फैसला लिखने का समय नहीं लेकिन मेरी बात सुने बिना आपका फैसला अधूरा रहेगा, क्योंकि मेरा पूरा केस कब्ज़े पर आधारित है. अयोध्या मामले (Ayodhya Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 36वें दिन की सुनवाई में हिन्दू पक्षों को आज अपनी जिरह पूरी करनी है.
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *अदालत के आदेश पर CCTV लगते ही बंद हो गए पड़ोसियों में झगड़े*
अदालत ने दो पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने की शर्त क्या रखी, महीनों पुराने उनके विवाद बंद हो गए। दोनों ने एक दूसरे पर महिलाओं के साथ बदसलूकी, छेड़खानी जैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करा रखी थी और आए दिन पुलिस को शिकायत करते थे। सीसीटीवी लगते ही उनकी शिकायतें बंद हो गईं।
पुलिस ने इस मामले में अदालत में रिपोर्ट पेश कर बताया कि पिछले छह महीने में दोनों परिवारों के बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ है। दरअसल अदालत ने इन दोनों परिवारों को जमानत देते हुए कहा था कि अब जब भी एक-दूसरे की शिकायत करें तो उसकी सीसीटीवी फुटेज पेश करें, जिससे साबित हो सके कि वास्तविकता में क्या घटित हुआ था।
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि अदालत की इस शर्त का इन परिवारों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
यहां तक कि पुलिस ने इस बीच खुद कई बार जाकर दोनों परिवारों के हालात का जायजा लिया। पुलिस ने उनसे पूछा भी कि क्या किसी से कोई झगड़ा हुआ है लेकिन दोनों तरफ से कहा गया कि अब उन्हें एक-दूसरे से कोई शिकायत नहीं है।
बेमतलब की मुकदमेबाजी को रोका : रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत के समक्ष यह मामला आया था। अदालत ने पाया कि दोनों ही पक्षकार पड़ोसी हैं और इन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ परिवार की महिलाओं के साथ छेड़खानी, मारपीट व बंधक बनाने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज कराए हुए हैं। इतना ही नहीं, आए दिन दोनों परिवार पुलिस को कॉल कर एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करते रहते हैं। इस कारण विवाद बढ़ता जा रहा था। अदालत ने विवाद को सुलझाने के लिए पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने के लिए कहा ताकि आरोपों की सच्चाई सामने आ सके।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: ✍✍✍✍✍✍✍
🖊पत्रकार क्या है???🖊
1. जब किसी दबंग व्यक्ति द्वारा आपके अधिकार का हनन किया जाता है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
2. जब प्रशासन के किसी कर्मचारी द्वारा आप परेशान किये जाते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
3. जब आप अपनी बात प्रशासन तक पहुंचना चाहते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
4. जब कोई लेखपाल,कोटेदार, प्रधान या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपका हक छीनने की कोशिश की जाती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
5. जब आप किसी राजनेता, अधिकारी के साथ किसी विशेष कार्यक्रम को करते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
6. जब आपको समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर भगाने की चिंता होती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
7. जब आप अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं और वहां उसे अध्यापक या किसी अन्य बच्चे द्वारा मानसिक यातनाएं दी जाती हैं तब एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
8. जब आप खेती करते हैं और किसी कारणवश आपकी फसल का नुकसान हो जाता है तब आपको अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाने के लिए आपको पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
9.घर पर बैठ कर पूरे विश्व में क्या हो रहा है ये जानने के लिए एक पत्रकार के लेख की जरूरत पड़ती है ? ✍
10. जब आपको किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिल पाता तब आपको अपनी बात रखने के लिए एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ? ✍
11. जब भी कोई घटना-दुर्घटना होती है तो भी पत्रकार याद आते है ?📚✍
◆इन सवालों के जबाब स्वयं को दीजिये और फिर पत्रकारों के 📝विषय में कुछ करने के बारे में सोचिए। हम ये नहीं कहते कि हम अच्छे हैं लेकिन सब के सब गलत होते है यह गलत बात है। एक बिना सेलरी पर काम करने वाला व्यक्ति आपको पूरा दिन और कभी कभी तो पूरी रात जागकर, तो कभी धूप तो कभी ✍✍
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *महिला पुलिस कांस्टेबल का रेप करता रहा मौलाना, जानें किस डर से चुप रही वो*
झाड़फूंक से इलाज व घर की सुख शांति के अंधविश्वास के चलते जहां लोग तांत्रिकों व मौलानाओं की बातों में आकर छोटे बच्चों की बली चढ़ा रहे हैं, वहीं कई महिलाएं उनकी हवस का शिकार भी बन रही हैं। ताजा मामला बागपत की एक महिला हेड कांस्टेबल का है, जो अपने बेटे के इलाज व घर की सुख शांति के लिए एक मौलाना के जाल में फंस गई। मौलाना ने हेड कांस्टेबल के अंधविश्वास का फायदा पूरा फायदा उठाया और करीब एक वर्ष तक उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ ही इलाज के नाम पर उससे लाखों रुपये भी ऐंठ लिए। इतना ही नहीं शारीरिक संबंध न बनाने पर आरोपी मौलाना महिला हेड कांस्टेबल को उसके बेटे की मौत की चेतावनी देकर डराता था। मौलाना से परेशान होकर पीड़िता ने उसके खिलाफ महिला थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई।
फिलहाल आरोपी मौलाना फरार है, पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में दबिशें दे रही है।
पति की मौत के बाद आश्रित कोटे से बनी कांस्टेबल
जानकारी के अनुसार बिजनौर निवासी महिला वर्ष 2006 में अपने पति की मृत्यु के बाद आश्रित कोटे में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुई थी। अब पदोन्नति के बाद वह हेडकांस्टेबल के पद पर बागपत जनपद के एक थाने में तैनात है। पिछले साल 29 जून को महिला कांस्टेबल का छोटा पुत्र सड़क हादसे में घायल हो गया था। बेटे का कई माह तक आईसीयू में इलाज भी चला। इसी दौरान किसी ने उसके बेटे पर ऊपरी-हवा होने की बात बताई, तो कांस्टेबल घबरा गई। बेटे के उपचार के लिए वह 30 जुलाई 18 को शहर की मोमीन मस्जिद के मौलाना जुबैर के पास पहुंची।
मौलाना ने डराया फिर किया रेप
आरोप है कि मौलाना ने पीड़िता को उसके बेटे के अंदर जिन होने का हवाला देकर उसे रात के 10.30 बजे अकेला बुलाया। मौलाना ने खुद को जिन का रूप बताते हुए महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म किया। साथ ही आगे भी ऐसा करने को कहा। इस तरह मौलाना ने उसे बेटे की मौत का डर दिखाते हुए करीब एक वर्ष तक दुष्कर्म किया। चर्चा है कि मौलाना ने पीड़िता से करीब 27 लाख रुपये भी ऐंठ लिए हैं, हालांकि महिला हेड कांस्टेबल ने इन रुपये का एफआईआर में कोई जिक्र नहीं किया है। आरोप है कि मौलाना अब घर आकर भी परेशान करने लगा, जिससे पीड़िता मानसिक रूप से परेशान रहने लगी।
भाग गया मौलाना
मामले में पीड़िता ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी, जिसके बाद उसने महिला थाने में आरोपी मौलाना जुबैर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मौलाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका।मामले में एसपी प्रताप गोपेन्द्र यादव का कहना है कि महिला हेड कास्टेबल की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जल्द ही मौलाना को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बिजुआ अपडेट*
*सचिन अग्रवाल*
*कुत्तो ने जमाया स्वास्थ्य केंद्र के बेड पर कब्जा जिम्मेदार नही देते ध्यान वसूली में व्यस्त रहने वालो को नही शासन का कोई ख़ौफ़*
*बिजुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना आवारा कुत्तों का केंद्र हर जगह कुत्ते के लिये उपलब्ध है बेड कभी लेबर रूम की तरफ तो कभी इमरजेंसी में तो जनरल वार्ड में मरीजो की जगह कुत्ते आराम फरमाते मिलते है*
*कुत्तो के ख़ौफ़ के चलते रात्रि में आने वाले मरीजो को उठानी पड़ती भारी दिक्कत क्योंकि खतरनाक कुत्ते मरीजो को दौड़ा भी लेते*
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *संपूर्णानगर एसओ संदीप सिंह का बरम्बाबा चौराहे पर हुआ जोर दार स्वागत* आज सुबह लगभग 12 बजे गढ़ैया प्रधान पुत्र शिवराज सिंह व गस्त के दौरान भीरा एसओ प्रदीप सिंह ने फूल मालाओं से बरम्बाबा चौराहे पर संदीप सिंह का किया जोरदार स्वागत इस मौके पर बगिया खेड़ा प्रधान दिलीप सिंह,जिलापंचायत सदस्य नरेंद्र सिंह,व जंगल नंबर सात के पूर्व प्रधान दिनेश सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: नवागत संपूर्णानगर एसओ का हुआ पड़रिया में भव्य स्वागत
एसओ संदीप सिंह का पडरिया प्रधान ने किया स्वागत
संपूर्णानगर जाते समय पडरिया चौराहे पर हुआ स्वागत
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बाथम वैश्य सभा लखनऊ*
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोद भराई का कार्य हुआ
जे सी गेस्ट हाउस निराला नगर मैं हुआ
21 बेटियों की पूर्ण भव्यता से गोद भराई संपन्न हुई
13 नवंबर को होगा सभी बेटियों का विवाह हमारे सभी सम्मानित भाई लोगों की उपस्थिति में व डालीगंज व्यापार मंडल लखनऊ व बाथम वैश्य समाज लखनऊ के लोग उपस्थिति हुए व बाहर से आए हुए अतिथि गण भी मौजूद रहे 21 जोड़ों की गोद भराई करवाई व सभी जोड़ों को बधाई देते हुए ईश्वर से लंबी उम्र की दुआ करते हुए इसी तरह कार्य को संपन्न किया गया इससे पहले आप सभी को अवगत कराया जा चुका था कि 2 अक्टूबर 2019 को गोद भराई का कार्य होगा आप सभी को एक बार फिर से सूचित किया जा रहा है की 13 नवंबर को 21 जोड़ों का विवाह का कार्य संपन्न होगा रामाधीन सिंह उत्सव लान निकट आईटी चौराहा लखनऊ विदाई 14 नवंबर 2019 प्रातः 6:00 बजे में आप सब आकर के सभी जोड़ों को बधाई दे श्री अतुल गुप्ता अध्यक्ष बाथम वैश्य सभा लखनऊ आयोजक डालीगंज हसनगंज व्यापार मंडल लखनऊ
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *सपा सांसद आजम खां के खिलाफ वारंट जारी, बेटे और पत्नी का भी नाम*
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के खिलाफ गुरुवार शाम अदालत ने वारंट जारी कर दिया है। वारंट में पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम के नाम भी शामिल हैं। भाजपा नेता आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीनों के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है।
बता दें कि आकाश सक्सेना द्वारा की गई शिकायत के आधार पर आजम खां, तजीन फातमा और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
आजम खां व तंजीन फात्मा पर जालसाजी करते हुए बेटे अब्दुल्लाह आजम के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप हैं। मामले की सुनवाई के लिए आजम खां को पत्नी और बेटे समेत गुरुवार को अदालत में पेश होना था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुए।
शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अक्तूबर की तारीख दी गई है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सॉल्वर गैंग का 'मास्टमाइंड' निकला रेलवे का कर्मचारी, लाखों रुपये में लेता था पास कराने का ठेका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की लोअर पीसीएस की परीक्षा के दौरान पकड़े गए सॉल्वर गैंग के मुख्य आरोपी विवेक को भी नई मंडी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने गैंग का खुलासा करते हुए एक सॉल्वर के अलावा गैंग के चार सदस्यों को बुधवार को जेल भेजा था। इस गैंग से जुड़े अभी दो आरोपियों की पुलिस को तलाश है, जो पुणे के बताए गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में पुणे गई है। मंगलवार को शहर में कई केंद्रों पर यूपीएसएसएससी की लोअर पीसीएस की परीक्षा हुई थी। एक सूचना पर सचल दल ने गांधी कॉलोनी स्थित एसडी कन्या इंटर कॉलेज में स्थित परीक्षा केंद्र पर किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर बिहार के जनपद रोहताश के बघेला पोस्ट थाना क्षेत्र के गांव छनहा निवासी मुकेश को पकड़ा था।
सॉल्वर मुकेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने बिजनौर जनपद के मोहल्ला कुटिया निवासी अमित कुमार, विशेषांक व हरेंद्र सिंह और हीमपुर दीपा के गांव टूंगरी निवासी ऋषभ को गिरफ्तार सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया था, जबकि मुख्य आरोपी बिजनौर जिले के नूरपुर कस्बे के मोहल्ला इस्लामनगर निवासी विवेक पुत्र रमेश फरार हो गया था।
गुरुवार को नई मंडी पुलिस ने मुख्य आरोपी विवेक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि विवेक ही बिजनौर निवासी अमित के साथ मिल कर सॉल्वर गैंग चलाता हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार प्रांत से सॉल्वर को बुलाकर परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलाते हैं। इस परीक्षा में भी तीन परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए आठ-आठ लाख रुपये में ठेका लिया गया था। गैंग में शामिल पुणे के दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम पुणे गई है।
रेलवे में नौकरी करता है विवेक
इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि पकड़ा गया विवेक खुद रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी करता है। उसकी तैनाती वर्तमान में धामपुर के पास हबीबवाला स्टेशन पर है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: उन्नाव :- 160 किमी की रफ्तार वाली पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस शुक्रवार को लखनऊ से सुबह 9.55 पर अपने सफर पर निकली। लखनऊ से उन्नाव, कानपुर होते हुए दिल्ली रूट पर दौडऩे वाली ट्रेन की रफ्तार कुसुंभी से सोनिक स्टेशन के बीच 100 किमी प्रति घंटा रही। ट्रेन उन्नाव स्टेशन से 50 किमी के कॉशन से पास हुई। कानपुर की ट्रेनों का प्लेटफार्म उन्नाव में बदला गया। उन्नाव स्टेशन पर ये ट्रेन सुबह 10.44 बजे निकली। रेलवे क्रासिंग के साथ प्लेटफार्म पर आरपीएफ तैनात रही। तेजस एक्सप्रेस के लिए उत्तर रेलवे ने कानपुर रूट की ट्रेनों का प्लेटफार्म बदल दिया गया था। प्रयागराज इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कानपुर एलकेएम के साथ उत्सर्ग एक्सप्रेस को दो नंबर से हटा एक लाइन नंबर से पास कराया गया। उन्नाव स्टेशन में बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन निकलने का इंतजार करते रहे। लखनऊ से सोनिक के मध्य ट्रेन की रफ्तार बीच-बीच में बदलती रही। कुसुंभी से ट्रेन को 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार मिली। इससे पहले ट्रेन 110-120 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। सोनिक के बाद ट्रेन की रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा हो गई, जो उन्नाव स्टेशन के दो नंबर लाइन पर 50 किमी प्रति घंटा रही। होम सिग्नल क्रास करते ही पश्चिम केबिन से ट्रेन को 80 किमी प्रति घंटा की चाल मिली। इसके बाद मगरवारा तक ट्रेन की औसत गति 90 किमी प्रति घंटा रही। इसके बाद सहजनी और ऋषि नगर केबिन तक ट्रेन 85 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। गंगा रेल पुल से मुरे कंपनी क्रासिंग के बीच ट्रेन 40 किमी प्रति घंटा के कॉशन से कानपुर रवाना की गई। क्रासिंग पर आरपीएफ का सख्त पहरा रहा। वाहन सवारों के साथ पैदल निकल रहे लोगों को ट्रेन निकलने से 10 मिनट पहले ही रोक दिया गया था।
एक नजर में ट्रेन और स्पीड
स्टेशन समय स्पीड
कुसुंभी 10.05 बजे 100 किमी प्रति घंटा
जैतीपुर 10.11 बजे 100 किमी प्रति घंटा
अजगैन 10.13 बजे 100 किमी प्रति घंटा
सोनिक 10.40 बजे 75 किमी प्रति घंटा
उन्नाव 10.44 बजे 50 किमी प्रति घंटा
मगरवारा 10.48 बजे 90 किमी प्रति घंटा
गंगाघाट 10.53 बजे 40 किमी प्रति घंटा
कानपुर से 415 यात्री रवाना
तेजस एक्सप्रेस का पहले दिन कानपुर सेंट्रल पर जोरदार स्वागत किया गया। ट्रेन में पहले दिन 415 यात्री दिल्ली और गाजियाबाद के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को पहले दिन अपने निर्धारित समय सुबह दस बजकर चालीस मिनट के बजाय ये ट्रेन सुबह ग्यारह बजकर तीन मिनट पर कानपुर सेंट्रल आई।
सेंट्रल स्टेशन पर बुक हुआ एक टिकट
तेजस एक्सप्रेस में इन लाइन आरक्षण की सुविधा दी गई है। पहले दिन कानपुर सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड में बनाए गए अतिरिक्त काउंटर से मात्र एक टिकट बुक हुआ।
12 मिनट रुकी रही ट्रेन
तेजस एक्सप्रेस में दो बार चेन पुलिंग होने से ट्रेन लेट हो गई। आईआरसीटीसी द्वारा ट्रेन में खाना न पहुंचा पाने पर कर्मियों ने चेन पुलिंग कर दी। आरपीएफ ने एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: अयोध्या: वकील की दलील, 'T-20 मैच की तरह हो रही सुनवाई', CJI ने कहा...
नई दिल्ली: पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या केस के सभी पक्षकारों से 18 अक्टूबर तक अपनी जिरह पूरी करने को कहा था. उस पृष्ठभूमि में मुस्लिम पक्ष की बहस के बाद गुरुवार शाम तक हिन्दू पक्ष को अपना जवाब देना है. इस कड़ी में अयोध्या केस (Ayodhya Case) की गुरुवार को 36वें दिन की सुनवाई में 20 मिनट के अंदर 2 हिन्दू पक्षकारों की दलील समेटने के बाद जब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़े के वकील से कहा कि आपके पास डेढ़ घंटे का समय है तो अखाड़े के वकील सुशील जैन ने कहा कि सुनवाई 20-20 मैच की तरह चल रही है.
इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं.
दरअसल निर्मोही अखाड़े के वकील द्वारा सुनवाई की तुलना 20-20 मैच से करने पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं. हमने आपको 4-5 दिन विस्तार से सुना है फिर भी आप इस तरह की बात कर रहे हैं. सुशील जैन ने अपने बयान के लिए खेद जताया. हिन्दू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार को बमुश्किल 5 मिनट का समय ही मिला था जवाब देने के लिए. रामलला के वकील नरसिम्हन को 15 मिनट का समय मिला था...
अयोध्या केस: 'खुदाई में मिली कमल की आकृति...वह संरचना मंदिर ही थी'
रामललला विराजमान के वकील पी नरसिम्हा ने स्कंद पुराण का हवाला देते हुए कहा कि स्कंद पुराण में भी श्रीरामजन्म स्थान का जिक्र है और हिंदुओ का ये विश्वास रहा है कि यहां दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुरातत्व विभाग के सबूत भी हमारे विश्वास की ही पुष्टि करते है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुशील जैन से पूछा कि उनको अपनी दलील पूरी करने में कितना समय लगेगा? जैन ने कहा कि मैं कोर्ट का एक मिनट भी बर्बाद नही करूंगा. जल्द से जल्द अपनी बात रखूंगा. निर्मोही अखाड़ा के वकील ने कहा कि वी आर वेरी पुअर पार्टी इन दिस केस. मैं जानता हूं कि आपके पास फैसला लिखने का समय नहीं लेकिन मेरी बात सुने बिना आपका फैसला अधूरा रहेगा, क्योंकि मेरा पूरा केस कब्ज़े पर आधारित है. अयोध्या मामले (Ayodhya Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 36वें दिन की सुनवाई में हिन्दू पक्षों को आज अपनी जिरह पूरी करनी है.
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *अदालत के आदेश पर CCTV लगते ही बंद हो गए पड़ोसियों में झगड़े*
अदालत ने दो पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने की शर्त क्या रखी, महीनों पुराने उनके विवाद बंद हो गए। दोनों ने एक दूसरे पर महिलाओं के साथ बदसलूकी, छेड़खानी जैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करा रखी थी और आए दिन पुलिस को शिकायत करते थे। सीसीटीवी लगते ही उनकी शिकायतें बंद हो गईं।
पुलिस ने इस मामले में अदालत में रिपोर्ट पेश कर बताया कि पिछले छह महीने में दोनों परिवारों के बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ है। दरअसल अदालत ने इन दोनों परिवारों को जमानत देते हुए कहा था कि अब जब भी एक-दूसरे की शिकायत करें तो उसकी सीसीटीवी फुटेज पेश करें, जिससे साबित हो सके कि वास्तविकता में क्या घटित हुआ था।
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि अदालत की इस शर्त का इन परिवारों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
यहां तक कि पुलिस ने इस बीच खुद कई बार जाकर दोनों परिवारों के हालात का जायजा लिया। पुलिस ने उनसे पूछा भी कि क्या किसी से कोई झगड़ा हुआ है लेकिन दोनों तरफ से कहा गया कि अब उन्हें एक-दूसरे से कोई शिकायत नहीं है।
बेमतलब की मुकदमेबाजी को रोका : रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत के समक्ष यह मामला आया था। अदालत ने पाया कि दोनों ही पक्षकार पड़ोसी हैं और इन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ परिवार की महिलाओं के साथ छेड़खानी, मारपीट व बंधक बनाने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज कराए हुए हैं। इतना ही नहीं, आए दिन दोनों परिवार पुलिस को कॉल कर एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करते रहते हैं। इस कारण विवाद बढ़ता जा रहा था। अदालत ने विवाद को सुलझाने के लिए पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने के लिए कहा ताकि आरोपों की सच्चाई सामने आ सके।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: ✍✍✍✍✍✍✍
🖊पत्रकार क्या है???🖊
1. जब किसी दबंग व्यक्ति द्वारा आपके अधिकार का हनन किया जाता है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
2. जब प्रशासन के किसी कर्मचारी द्वारा आप परेशान किये जाते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
3. जब आप अपनी बात प्रशासन तक पहुंचना चाहते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
4. जब कोई लेखपाल,कोटेदार, प्रधान या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपका हक छीनने की कोशिश की जाती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
5. जब आप किसी राजनेता, अधिकारी के साथ किसी विशेष कार्यक्रम को करते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
6. जब आपको समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर भगाने की चिंता होती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
7. जब आप अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं और वहां उसे अध्यापक या किसी अन्य बच्चे द्वारा मानसिक यातनाएं दी जाती हैं तब एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
8. जब आप खेती करते हैं और किसी कारणवश आपकी फसल का नुकसान हो जाता है तब आपको अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाने के लिए आपको पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
9.घर पर बैठ कर पूरे विश्व में क्या हो रहा है ये जानने के लिए एक पत्रकार के लेख की जरूरत पड़ती है ? ✍
10. जब आपको किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिल पाता तब आपको अपनी बात रखने के लिए एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ? ✍
11. जब भी कोई घटना-दुर्घटना होती है तो भी पत्रकार याद आते है ?📚✍
◆इन सवालों के जबाब स्वयं को दीजिये और फिर पत्रकारों के 📝विषय में कुछ करने के बारे में सोचिए। हम ये नहीं कहते कि हम अच्छे हैं लेकिन सब के सब गलत होते है यह गलत बात है। एक बिना सेलरी पर काम करने वाला व्यक्ति आपको पूरा दिन और कभी कभी तो पूरी रात जागकर, तो कभी धूप तो कभी ✍✍
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *महिला पुलिस कांस्टेबल का रेप करता रहा मौलाना, जानें किस डर से चुप रही वो*
झाड़फूंक से इलाज व घर की सुख शांति के अंधविश्वास के चलते जहां लोग तांत्रिकों व मौलानाओं की बातों में आकर छोटे बच्चों की बली चढ़ा रहे हैं, वहीं कई महिलाएं उनकी हवस का शिकार भी बन रही हैं। ताजा मामला बागपत की एक महिला हेड कांस्टेबल का है, जो अपने बेटे के इलाज व घर की सुख शांति के लिए एक मौलाना के जाल में फंस गई। मौलाना ने हेड कांस्टेबल के अंधविश्वास का फायदा पूरा फायदा उठाया और करीब एक वर्ष तक उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ ही इलाज के नाम पर उससे लाखों रुपये भी ऐंठ लिए। इतना ही नहीं शारीरिक संबंध न बनाने पर आरोपी मौलाना महिला हेड कांस्टेबल को उसके बेटे की मौत की चेतावनी देकर डराता था। मौलाना से परेशान होकर पीड़िता ने उसके खिलाफ महिला थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई।
फिलहाल आरोपी मौलाना फरार है, पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में दबिशें दे रही है।
पति की मौत के बाद आश्रित कोटे से बनी कांस्टेबल
जानकारी के अनुसार बिजनौर निवासी महिला वर्ष 2006 में अपने पति की मृत्यु के बाद आश्रित कोटे में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुई थी। अब पदोन्नति के बाद वह हेडकांस्टेबल के पद पर बागपत जनपद के एक थाने में तैनात है। पिछले साल 29 जून को महिला कांस्टेबल का छोटा पुत्र सड़क हादसे में घायल हो गया था। बेटे का कई माह तक आईसीयू में इलाज भी चला। इसी दौरान किसी ने उसके बेटे पर ऊपरी-हवा होने की बात बताई, तो कांस्टेबल घबरा गई। बेटे के उपचार के लिए वह 30 जुलाई 18 को शहर की मोमीन मस्जिद के मौलाना जुबैर के पास पहुंची।
मौलाना ने डराया फिर किया रेप
आरोप है कि मौलाना ने पीड़िता को उसके बेटे के अंदर जिन होने का हवाला देकर उसे रात के 10.30 बजे अकेला बुलाया। मौलाना ने खुद को जिन का रूप बताते हुए महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म किया। साथ ही आगे भी ऐसा करने को कहा। इस तरह मौलाना ने उसे बेटे की मौत का डर दिखाते हुए करीब एक वर्ष तक दुष्कर्म किया। चर्चा है कि मौलाना ने पीड़िता से करीब 27 लाख रुपये भी ऐंठ लिए हैं, हालांकि महिला हेड कांस्टेबल ने इन रुपये का एफआईआर में कोई जिक्र नहीं किया है। आरोप है कि मौलाना अब घर आकर भी परेशान करने लगा, जिससे पीड़िता मानसिक रूप से परेशान रहने लगी।
भाग गया मौलाना
मामले में पीड़िता ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी, जिसके बाद उसने महिला थाने में आरोपी मौलाना जुबैर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मौलाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका।मामले में एसपी प्रताप गोपेन्द्र यादव का कहना है कि महिला हेड कास्टेबल की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जल्द ही मौलाना को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बिजुआ अपडेट*
*सचिन अग्रवाल*
*कुत्तो ने जमाया स्वास्थ्य केंद्र के बेड पर कब्जा जिम्मेदार नही देते ध्यान वसूली में व्यस्त रहने वालो को नही शासन का कोई ख़ौफ़*
*बिजुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना आवारा कुत्तों का केंद्र हर जगह कुत्ते के लिये उपलब्ध है बेड कभी लेबर रूम की तरफ तो कभी इमरजेंसी में तो जनरल वार्ड में मरीजो की जगह कुत्ते आराम फरमाते मिलते है*
*कुत्तो के ख़ौफ़ के चलते रात्रि में आने वाले मरीजो को उठानी पड़ती भारी दिक्कत क्योंकि खतरनाक कुत्ते मरीजो को दौड़ा भी लेते*
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *संपूर्णानगर एसओ संदीप सिंह का बरम्बाबा चौराहे पर हुआ जोर दार स्वागत* आज सुबह लगभग 12 बजे गढ़ैया प्रधान पुत्र शिवराज सिंह व गस्त के दौरान भीरा एसओ प्रदीप सिंह ने फूल मालाओं से बरम्बाबा चौराहे पर संदीप सिंह का किया जोरदार स्वागत इस मौके पर बगिया खेड़ा प्रधान दिलीप सिंह,जिलापंचायत सदस्य नरेंद्र सिंह,व जंगल नंबर सात के पूर्व प्रधान दिनेश सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: नवागत संपूर्णानगर एसओ का हुआ पड़रिया में भव्य स्वागत
एसओ संदीप सिंह का पडरिया प्रधान ने किया स्वागत
संपूर्णानगर जाते समय पडरिया चौराहे पर हुआ स्वागत
[07/10, 8:25 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सभी देशवासियों को मेरी तरफ से दशहरा दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं// अगर आप में से कोई किसी भी प्रकार का विज्ञापन देना चाहे- सेटेलाइट मीडिया, सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया// हर प्रकार से विज्ञापन दे सकता है///// 9839633639 पर पर्सनल व्हाट्सएप के द्वारा अधिक जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं.. सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक/////// अजीत सिंह सैनी राष्ट्रीय न्यूज़ ब्यूरो जी एन डी न्यूज़
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बाथम वैश्य सभा लखनऊ*
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोद भराई का कार्य हुआ
जे सी गेस्ट हाउस निराला नगर मैं हुआ
21 बेटियों की पूर्ण भव्यता से गोद भराई संपन्न हुई
13 नवंबर को होगा सभी बेटियों का विवाह हमारे सभी सम्मानित भाई लोगों की उपस्थिति में व डालीगंज व्यापार मंडल लखनऊ व बाथम वैश्य समाज लखनऊ के लोग उपस्थिति हुए व बाहर से आए हुए अतिथि गण भी मौजूद रहे 21 जोड़ों की गोद भराई करवाई व सभी जोड़ों को बधाई देते हुए ईश्वर से लंबी उम्र की दुआ करते हुए इसी तरह कार्य को संपन्न किया गया इससे पहले आप सभी को अवगत कराया जा चुका था कि 2 अक्टूबर 2019 को गोद भराई का कार्य होगा आप सभी को एक बार फिर से सूचित किया जा रहा है की 13 नवंबर को 21 जोड़ों का विवाह का कार्य संपन्न होगा रामाधीन सिंह उत्सव लान निकट आईटी चौराहा लखनऊ विदाई 14 नवंबर 2019 प्रातः 6:00 बजे में आप सब आकर के सभी जोड़ों को बधाई दे श्री अतुल गुप्ता अध्यक्ष बाथम वैश्य सभा लखनऊ आयोजक डालीगंज हसनगंज व्यापार मंडल लखनऊ
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *सपा सांसद आजम खां के खिलाफ वारंट जारी, बेटे और पत्नी का भी नाम*
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के खिलाफ गुरुवार शाम अदालत ने वारंट जारी कर दिया है। वारंट में पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम के नाम भी शामिल हैं। भाजपा नेता आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीनों के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है।
बता दें कि आकाश सक्सेना द्वारा की गई शिकायत के आधार पर आजम खां, तजीन फातमा और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
आजम खां व तंजीन फात्मा पर जालसाजी करते हुए बेटे अब्दुल्लाह आजम के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप हैं। मामले की सुनवाई के लिए आजम खां को पत्नी और बेटे समेत गुरुवार को अदालत में पेश होना था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुए।
शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अक्तूबर की तारीख दी गई है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सॉल्वर गैंग का 'मास्टमाइंड' निकला रेलवे का कर्मचारी, लाखों रुपये में लेता था पास कराने का ठेका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की लोअर पीसीएस की परीक्षा के दौरान पकड़े गए सॉल्वर गैंग के मुख्य आरोपी विवेक को भी नई मंडी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने गैंग का खुलासा करते हुए एक सॉल्वर के अलावा गैंग के चार सदस्यों को बुधवार को जेल भेजा था। इस गैंग से जुड़े अभी दो आरोपियों की पुलिस को तलाश है, जो पुणे के बताए गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में पुणे गई है। मंगलवार को शहर में कई केंद्रों पर यूपीएसएसएससी की लोअर पीसीएस की परीक्षा हुई थी। एक सूचना पर सचल दल ने गांधी कॉलोनी स्थित एसडी कन्या इंटर कॉलेज में स्थित परीक्षा केंद्र पर किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर बिहार के जनपद रोहताश के बघेला पोस्ट थाना क्षेत्र के गांव छनहा निवासी मुकेश को पकड़ा था।
सॉल्वर मुकेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने बिजनौर जनपद के मोहल्ला कुटिया निवासी अमित कुमार, विशेषांक व हरेंद्र सिंह और हीमपुर दीपा के गांव टूंगरी निवासी ऋषभ को गिरफ्तार सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया था, जबकि मुख्य आरोपी बिजनौर जिले के नूरपुर कस्बे के मोहल्ला इस्लामनगर निवासी विवेक पुत्र रमेश फरार हो गया था।
गुरुवार को नई मंडी पुलिस ने मुख्य आरोपी विवेक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि विवेक ही बिजनौर निवासी अमित के साथ मिल कर सॉल्वर गैंग चलाता हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार प्रांत से सॉल्वर को बुलाकर परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलाते हैं। इस परीक्षा में भी तीन परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए आठ-आठ लाख रुपये में ठेका लिया गया था। गैंग में शामिल पुणे के दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम पुणे गई है।
रेलवे में नौकरी करता है विवेक
इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि पकड़ा गया विवेक खुद रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी करता है। उसकी तैनाती वर्तमान में धामपुर के पास हबीबवाला स्टेशन पर है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: उन्नाव :- 160 किमी की रफ्तार वाली पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस शुक्रवार को लखनऊ से सुबह 9.55 पर अपने सफर पर निकली। लखनऊ से उन्नाव, कानपुर होते हुए दिल्ली रूट पर दौडऩे वाली ट्रेन की रफ्तार कुसुंभी से सोनिक स्टेशन के बीच 100 किमी प्रति घंटा रही। ट्रेन उन्नाव स्टेशन से 50 किमी के कॉशन से पास हुई। कानपुर की ट्रेनों का प्लेटफार्म उन्नाव में बदला गया। उन्नाव स्टेशन पर ये ट्रेन सुबह 10.44 बजे निकली। रेलवे क्रासिंग के साथ प्लेटफार्म पर आरपीएफ तैनात रही। तेजस एक्सप्रेस के लिए उत्तर रेलवे ने कानपुर रूट की ट्रेनों का प्लेटफार्म बदल दिया गया था। प्रयागराज इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कानपुर एलकेएम के साथ उत्सर्ग एक्सप्रेस को दो नंबर से हटा एक लाइन नंबर से पास कराया गया। उन्नाव स्टेशन में बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन निकलने का इंतजार करते रहे। लखनऊ से सोनिक के मध्य ट्रेन की रफ्तार बीच-बीच में बदलती रही। कुसुंभी से ट्रेन को 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार मिली। इससे पहले ट्रेन 110-120 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। सोनिक के बाद ट्रेन की रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा हो गई, जो उन्नाव स्टेशन के दो नंबर लाइन पर 50 किमी प्रति घंटा रही। होम सिग्नल क्रास करते ही पश्चिम केबिन से ट्रेन को 80 किमी प्रति घंटा की चाल मिली। इसके बाद मगरवारा तक ट्रेन की औसत गति 90 किमी प्रति घंटा रही। इसके बाद सहजनी और ऋषि नगर केबिन तक ट्रेन 85 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। गंगा रेल पुल से मुरे कंपनी क्रासिंग के बीच ट्रेन 40 किमी प्रति घंटा के कॉशन से कानपुर रवाना की गई। क्रासिंग पर आरपीएफ का सख्त पहरा रहा। वाहन सवारों के साथ पैदल निकल रहे लोगों को ट्रेन निकलने से 10 मिनट पहले ही रोक दिया गया था।
एक नजर में ट्रेन और स्पीड
स्टेशन समय स्पीड
कुसुंभी 10.05 बजे 100 किमी प्रति घंटा
जैतीपुर 10.11 बजे 100 किमी प्रति घंटा
अजगैन 10.13 बजे 100 किमी प्रति घंटा
सोनिक 10.40 बजे 75 किमी प्रति घंटा
उन्नाव 10.44 बजे 50 किमी प्रति घंटा
मगरवारा 10.48 बजे 90 किमी प्रति घंटा
गंगाघाट 10.53 बजे 40 किमी प्रति घंटा
कानपुर से 415 यात्री रवाना
तेजस एक्सप्रेस का पहले दिन कानपुर सेंट्रल पर जोरदार स्वागत किया गया। ट्रेन में पहले दिन 415 यात्री दिल्ली और गाजियाबाद के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को पहले दिन अपने निर्धारित समय सुबह दस बजकर चालीस मिनट के बजाय ये ट्रेन सुबह ग्यारह बजकर तीन मिनट पर कानपुर सेंट्रल आई।
सेंट्रल स्टेशन पर बुक हुआ एक टिकट
तेजस एक्सप्रेस में इन लाइन आरक्षण की सुविधा दी गई है। पहले दिन कानपुर सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड में बनाए गए अतिरिक्त काउंटर से मात्र एक टिकट बुक हुआ।
12 मिनट रुकी रही ट्रेन
तेजस एक्सप्रेस में दो बार चेन पुलिंग होने से ट्रेन लेट हो गई। आईआरसीटीसी द्वारा ट्रेन में खाना न पहुंचा पाने पर कर्मियों ने चेन पुलिंग कर दी। आरपीएफ ने एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: अयोध्या: वकील की दलील, 'T-20 मैच की तरह हो रही सुनवाई', CJI ने कहा...
नई दिल्ली: पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या केस के सभी पक्षकारों से 18 अक्टूबर तक अपनी जिरह पूरी करने को कहा था. उस पृष्ठभूमि में मुस्लिम पक्ष की बहस के बाद गुरुवार शाम तक हिन्दू पक्ष को अपना जवाब देना है. इस कड़ी में अयोध्या केस (Ayodhya Case) की गुरुवार को 36वें दिन की सुनवाई में 20 मिनट के अंदर 2 हिन्दू पक्षकारों की दलील समेटने के बाद जब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़े के वकील से कहा कि आपके पास डेढ़ घंटे का समय है तो अखाड़े के वकील सुशील जैन ने कहा कि सुनवाई 20-20 मैच की तरह चल रही है.
इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं.
दरअसल निर्मोही अखाड़े के वकील द्वारा सुनवाई की तुलना 20-20 मैच से करने पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं. हमने आपको 4-5 दिन विस्तार से सुना है फिर भी आप इस तरह की बात कर रहे हैं. सुशील जैन ने अपने बयान के लिए खेद जताया. हिन्दू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार को बमुश्किल 5 मिनट का समय ही मिला था जवाब देने के लिए. रामलला के वकील नरसिम्हन को 15 मिनट का समय मिला था...
अयोध्या केस: 'खुदाई में मिली कमल की आकृति...वह संरचना मंदिर ही थी'
रामललला विराजमान के वकील पी नरसिम्हा ने स्कंद पुराण का हवाला देते हुए कहा कि स्कंद पुराण में भी श्रीरामजन्म स्थान का जिक्र है और हिंदुओ का ये विश्वास रहा है कि यहां दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुरातत्व विभाग के सबूत भी हमारे विश्वास की ही पुष्टि करते है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुशील जैन से पूछा कि उनको अपनी दलील पूरी करने में कितना समय लगेगा? जैन ने कहा कि मैं कोर्ट का एक मिनट भी बर्बाद नही करूंगा. जल्द से जल्द अपनी बात रखूंगा. निर्मोही अखाड़ा के वकील ने कहा कि वी आर वेरी पुअर पार्टी इन दिस केस. मैं जानता हूं कि आपके पास फैसला लिखने का समय नहीं लेकिन मेरी बात सुने बिना आपका फैसला अधूरा रहेगा, क्योंकि मेरा पूरा केस कब्ज़े पर आधारित है. अयोध्या मामले (Ayodhya Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 36वें दिन की सुनवाई में हिन्दू पक्षों को आज अपनी जिरह पूरी करनी है.
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *अदालत के आदेश पर CCTV लगते ही बंद हो गए पड़ोसियों में झगड़े*
अदालत ने दो पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने की शर्त क्या रखी, महीनों पुराने उनके विवाद बंद हो गए। दोनों ने एक दूसरे पर महिलाओं के साथ बदसलूकी, छेड़खानी जैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करा रखी थी और आए दिन पुलिस को शिकायत करते थे। सीसीटीवी लगते ही उनकी शिकायतें बंद हो गईं।
पुलिस ने इस मामले में अदालत में रिपोर्ट पेश कर बताया कि पिछले छह महीने में दोनों परिवारों के बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ है। दरअसल अदालत ने इन दोनों परिवारों को जमानत देते हुए कहा था कि अब जब भी एक-दूसरे की शिकायत करें तो उसकी सीसीटीवी फुटेज पेश करें, जिससे साबित हो सके कि वास्तविकता में क्या घटित हुआ था।
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि अदालत की इस शर्त का इन परिवारों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
यहां तक कि पुलिस ने इस बीच खुद कई बार जाकर दोनों परिवारों के हालात का जायजा लिया। पुलिस ने उनसे पूछा भी कि क्या किसी से कोई झगड़ा हुआ है लेकिन दोनों तरफ से कहा गया कि अब उन्हें एक-दूसरे से कोई शिकायत नहीं है।
बेमतलब की मुकदमेबाजी को रोका : रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत के समक्ष यह मामला आया था। अदालत ने पाया कि दोनों ही पक्षकार पड़ोसी हैं और इन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ परिवार की महिलाओं के साथ छेड़खानी, मारपीट व बंधक बनाने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज कराए हुए हैं। इतना ही नहीं, आए दिन दोनों परिवार पुलिस को कॉल कर एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करते रहते हैं। इस कारण विवाद बढ़ता जा रहा था। अदालत ने विवाद को सुलझाने के लिए पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने के लिए कहा ताकि आरोपों की सच्चाई सामने आ सके।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: ✍✍✍✍✍✍✍
🖊पत्रकार क्या है???🖊
1. जब किसी दबंग व्यक्ति द्वारा आपके अधिकार का हनन किया जाता है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
2. जब प्रशासन के किसी कर्मचारी द्वारा आप परेशान किये जाते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
3. जब आप अपनी बात प्रशासन तक पहुंचना चाहते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
4. जब कोई लेखपाल,कोटेदार, प्रधान या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपका हक छीनने की कोशिश की जाती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
5. जब आप किसी राजनेता, अधिकारी के साथ किसी विशेष कार्यक्रम को करते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
6. जब आपको समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर भगाने की चिंता होती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
7. जब आप अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं और वहां उसे अध्यापक या किसी अन्य बच्चे द्वारा मानसिक यातनाएं दी जाती हैं तब एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
8. जब आप खेती करते हैं और किसी कारणवश आपकी फसल का नुकसान हो जाता है तब आपको अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाने के लिए आपको पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
9.घर पर बैठ कर पूरे विश्व में क्या हो रहा है ये जानने के लिए एक पत्रकार के लेख की जरूरत पड़ती है ? ✍
10. जब आपको किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिल पाता तब आपको अपनी बात रखने के लिए एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ? ✍
11. जब भी कोई घटना-दुर्घटना होती है तो भी पत्रकार याद आते है ?📚✍
◆इन सवालों के जबाब स्वयं को दीजिये और फिर पत्रकारों के 📝विषय में कुछ करने के बारे में सोचिए। हम ये नहीं कहते कि हम अच्छे हैं लेकिन सब के सब गलत होते है यह गलत बात है। एक बिना सेलरी पर काम करने वाला व्यक्ति आपको पूरा दिन और कभी कभी तो पूरी रात जागकर, तो कभी धूप तो कभी ✍✍
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *महिला पुलिस कांस्टेबल का रेप करता रहा मौलाना, जानें किस डर से चुप रही वो*
झाड़फूंक से इलाज व घर की सुख शांति के अंधविश्वास के चलते जहां लोग तांत्रिकों व मौलानाओं की बातों में आकर छोटे बच्चों की बली चढ़ा रहे हैं, वहीं कई महिलाएं उनकी हवस का शिकार भी बन रही हैं। ताजा मामला बागपत की एक महिला हेड कांस्टेबल का है, जो अपने बेटे के इलाज व घर की सुख शांति के लिए एक मौलाना के जाल में फंस गई। मौलाना ने हेड कांस्टेबल के अंधविश्वास का फायदा पूरा फायदा उठाया और करीब एक वर्ष तक उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ ही इलाज के नाम पर उससे लाखों रुपये भी ऐंठ लिए। इतना ही नहीं शारीरिक संबंध न बनाने पर आरोपी मौलाना महिला हेड कांस्टेबल को उसके बेटे की मौत की चेतावनी देकर डराता था। मौलाना से परेशान होकर पीड़िता ने उसके खिलाफ महिला थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई।
फिलहाल आरोपी मौलाना फरार है, पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में दबिशें दे रही है।
पति की मौत के बाद आश्रित कोटे से बनी कांस्टेबल
जानकारी के अनुसार बिजनौर निवासी महिला वर्ष 2006 में अपने पति की मृत्यु के बाद आश्रित कोटे में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुई थी। अब पदोन्नति के बाद वह हेडकांस्टेबल के पद पर बागपत जनपद के एक थाने में तैनात है। पिछले साल 29 जून को महिला कांस्टेबल का छोटा पुत्र सड़क हादसे में घायल हो गया था। बेटे का कई माह तक आईसीयू में इलाज भी चला। इसी दौरान किसी ने उसके बेटे पर ऊपरी-हवा होने की बात बताई, तो कांस्टेबल घबरा गई। बेटे के उपचार के लिए वह 30 जुलाई 18 को शहर की मोमीन मस्जिद के मौलाना जुबैर के पास पहुंची।
मौलाना ने डराया फिर किया रेप
आरोप है कि मौलाना ने पीड़िता को उसके बेटे के अंदर जिन होने का हवाला देकर उसे रात के 10.30 बजे अकेला बुलाया। मौलाना ने खुद को जिन का रूप बताते हुए महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म किया। साथ ही आगे भी ऐसा करने को कहा। इस तरह मौलाना ने उसे बेटे की मौत का डर दिखाते हुए करीब एक वर्ष तक दुष्कर्म किया। चर्चा है कि मौलाना ने पीड़िता से करीब 27 लाख रुपये भी ऐंठ लिए हैं, हालांकि महिला हेड कांस्टेबल ने इन रुपये का एफआईआर में कोई जिक्र नहीं किया है। आरोप है कि मौलाना अब घर आकर भी परेशान करने लगा, जिससे पीड़िता मानसिक रूप से परेशान रहने लगी।
भाग गया मौलाना
मामले में पीड़िता ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी, जिसके बाद उसने महिला थाने में आरोपी मौलाना जुबैर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मौलाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका।मामले में एसपी प्रताप गोपेन्द्र यादव का कहना है कि महिला हेड कास्टेबल की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जल्द ही मौलाना को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बिजुआ अपडेट*
*सचिन अग्रवाल*
*कुत्तो ने जमाया स्वास्थ्य केंद्र के बेड पर कब्जा जिम्मेदार नही देते ध्यान वसूली में व्यस्त रहने वालो को नही शासन का कोई ख़ौफ़*
*बिजुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना आवारा कुत्तों का केंद्र हर जगह कुत्ते के लिये उपलब्ध है बेड कभी लेबर रूम की तरफ तो कभी इमरजेंसी में तो जनरल वार्ड में मरीजो की जगह कुत्ते आराम फरमाते मिलते है*
*कुत्तो के ख़ौफ़ के चलते रात्रि में आने वाले मरीजो को उठानी पड़ती भारी दिक्कत क्योंकि खतरनाक कुत्ते मरीजो को दौड़ा भी लेते*
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *संपूर्णानगर एसओ संदीप सिंह का बरम्बाबा चौराहे पर हुआ जोर दार स्वागत* आज सुबह लगभग 12 बजे गढ़ैया प्रधान पुत्र शिवराज सिंह व गस्त के दौरान भीरा एसओ प्रदीप सिंह ने फूल मालाओं से बरम्बाबा चौराहे पर संदीप सिंह का किया जोरदार स्वागत इस मौके पर बगिया खेड़ा प्रधान दिलीप सिंह,जिलापंचायत सदस्य नरेंद्र सिंह,व जंगल नंबर सात के पूर्व प्रधान दिनेश सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: नवागत संपूर्णानगर एसओ का हुआ पड़रिया में भव्य स्वागत
एसओ संदीप सिंह का पडरिया प्रधान ने किया स्वागत
संपूर्णानगर जाते समय पडरिया चौराहे पर हुआ स्वागत
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बाथम वैश्य सभा लखनऊ*
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोद भराई का कार्य हुआ
जे सी गेस्ट हाउस निराला नगर मैं हुआ
21 बेटियों की पूर्ण भव्यता से गोद भराई संपन्न हुई
13 नवंबर को होगा सभी बेटियों का विवाह हमारे सभी सम्मानित भाई लोगों की उपस्थिति में व डालीगंज व्यापार मंडल लखनऊ व बाथम वैश्य समाज लखनऊ के लोग उपस्थिति हुए व बाहर से आए हुए अतिथि गण भी मौजूद रहे 21 जोड़ों की गोद भराई करवाई व सभी जोड़ों को बधाई देते हुए ईश्वर से लंबी उम्र की दुआ करते हुए इसी तरह कार्य को संपन्न किया गया इससे पहले आप सभी को अवगत कराया जा चुका था कि 2 अक्टूबर 2019 को गोद भराई का कार्य होगा आप सभी को एक बार फिर से सूचित किया जा रहा है की 13 नवंबर को 21 जोड़ों का विवाह का कार्य संपन्न होगा रामाधीन सिंह उत्सव लान निकट आईटी चौराहा लखनऊ विदाई 14 नवंबर 2019 प्रातः 6:00 बजे में आप सब आकर के सभी जोड़ों को बधाई दे श्री अतुल गुप्ता अध्यक्ष बाथम वैश्य सभा लखनऊ आयोजक डालीगंज हसनगंज व्यापार मंडल लखनऊ
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *सपा सांसद आजम खां के खिलाफ वारंट जारी, बेटे और पत्नी का भी नाम*
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के खिलाफ गुरुवार शाम अदालत ने वारंट जारी कर दिया है। वारंट में पत्नी तजीन फातमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम के नाम भी शामिल हैं। भाजपा नेता आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीनों के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है।
बता दें कि आकाश सक्सेना द्वारा की गई शिकायत के आधार पर आजम खां, तजीन फातमा और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
आजम खां व तंजीन फात्मा पर जालसाजी करते हुए बेटे अब्दुल्लाह आजम के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप हैं। मामले की सुनवाई के लिए आजम खां को पत्नी और बेटे समेत गुरुवार को अदालत में पेश होना था, लेकिन वो हाजिर नहीं हुए।
शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अक्तूबर की तारीख दी गई है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सॉल्वर गैंग का 'मास्टमाइंड' निकला रेलवे का कर्मचारी, लाखों रुपये में लेता था पास कराने का ठेका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की लोअर पीसीएस की परीक्षा के दौरान पकड़े गए सॉल्वर गैंग के मुख्य आरोपी विवेक को भी नई मंडी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने गैंग का खुलासा करते हुए एक सॉल्वर के अलावा गैंग के चार सदस्यों को बुधवार को जेल भेजा था। इस गैंग से जुड़े अभी दो आरोपियों की पुलिस को तलाश है, जो पुणे के बताए गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में पुणे गई है। मंगलवार को शहर में कई केंद्रों पर यूपीएसएसएससी की लोअर पीसीएस की परीक्षा हुई थी। एक सूचना पर सचल दल ने गांधी कॉलोनी स्थित एसडी कन्या इंटर कॉलेज में स्थित परीक्षा केंद्र पर किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर बिहार के जनपद रोहताश के बघेला पोस्ट थाना क्षेत्र के गांव छनहा निवासी मुकेश को पकड़ा था।
सॉल्वर मुकेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने बिजनौर जनपद के मोहल्ला कुटिया निवासी अमित कुमार, विशेषांक व हरेंद्र सिंह और हीमपुर दीपा के गांव टूंगरी निवासी ऋषभ को गिरफ्तार सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया था, जबकि मुख्य आरोपी बिजनौर जिले के नूरपुर कस्बे के मोहल्ला इस्लामनगर निवासी विवेक पुत्र रमेश फरार हो गया था।
गुरुवार को नई मंडी पुलिस ने मुख्य आरोपी विवेक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि विवेक ही बिजनौर निवासी अमित के साथ मिल कर सॉल्वर गैंग चलाता हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार प्रांत से सॉल्वर को बुलाकर परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलाते हैं। इस परीक्षा में भी तीन परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए आठ-आठ लाख रुपये में ठेका लिया गया था। गैंग में शामिल पुणे के दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम पुणे गई है।
रेलवे में नौकरी करता है विवेक
इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि पकड़ा गया विवेक खुद रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी करता है। उसकी तैनाती वर्तमान में धामपुर के पास हबीबवाला स्टेशन पर है।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: उन्नाव :- 160 किमी की रफ्तार वाली पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस शुक्रवार को लखनऊ से सुबह 9.55 पर अपने सफर पर निकली। लखनऊ से उन्नाव, कानपुर होते हुए दिल्ली रूट पर दौडऩे वाली ट्रेन की रफ्तार कुसुंभी से सोनिक स्टेशन के बीच 100 किमी प्रति घंटा रही। ट्रेन उन्नाव स्टेशन से 50 किमी के कॉशन से पास हुई। कानपुर की ट्रेनों का प्लेटफार्म उन्नाव में बदला गया। उन्नाव स्टेशन पर ये ट्रेन सुबह 10.44 बजे निकली। रेलवे क्रासिंग के साथ प्लेटफार्म पर आरपीएफ तैनात रही। तेजस एक्सप्रेस के लिए उत्तर रेलवे ने कानपुर रूट की ट्रेनों का प्लेटफार्म बदल दिया गया था। प्रयागराज इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कानपुर एलकेएम के साथ उत्सर्ग एक्सप्रेस को दो नंबर से हटा एक लाइन नंबर से पास कराया गया। उन्नाव स्टेशन में बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन निकलने का इंतजार करते रहे। लखनऊ से सोनिक के मध्य ट्रेन की रफ्तार बीच-बीच में बदलती रही। कुसुंभी से ट्रेन को 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार मिली। इससे पहले ट्रेन 110-120 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। सोनिक के बाद ट्रेन की रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा हो गई, जो उन्नाव स्टेशन के दो नंबर लाइन पर 50 किमी प्रति घंटा रही। होम सिग्नल क्रास करते ही पश्चिम केबिन से ट्रेन को 80 किमी प्रति घंटा की चाल मिली। इसके बाद मगरवारा तक ट्रेन की औसत गति 90 किमी प्रति घंटा रही। इसके बाद सहजनी और ऋषि नगर केबिन तक ट्रेन 85 किमी प्रति घंटा की चाल से चली। गंगा रेल पुल से मुरे कंपनी क्रासिंग के बीच ट्रेन 40 किमी प्रति घंटा के कॉशन से कानपुर रवाना की गई। क्रासिंग पर आरपीएफ का सख्त पहरा रहा। वाहन सवारों के साथ पैदल निकल रहे लोगों को ट्रेन निकलने से 10 मिनट पहले ही रोक दिया गया था।
एक नजर में ट्रेन और स्पीड
स्टेशन समय स्पीड
कुसुंभी 10.05 बजे 100 किमी प्रति घंटा
जैतीपुर 10.11 बजे 100 किमी प्रति घंटा
अजगैन 10.13 बजे 100 किमी प्रति घंटा
सोनिक 10.40 बजे 75 किमी प्रति घंटा
उन्नाव 10.44 बजे 50 किमी प्रति घंटा
मगरवारा 10.48 बजे 90 किमी प्रति घंटा
गंगाघाट 10.53 बजे 40 किमी प्रति घंटा
कानपुर से 415 यात्री रवाना
तेजस एक्सप्रेस का पहले दिन कानपुर सेंट्रल पर जोरदार स्वागत किया गया। ट्रेन में पहले दिन 415 यात्री दिल्ली और गाजियाबाद के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को पहले दिन अपने निर्धारित समय सुबह दस बजकर चालीस मिनट के बजाय ये ट्रेन सुबह ग्यारह बजकर तीन मिनट पर कानपुर सेंट्रल आई।
सेंट्रल स्टेशन पर बुक हुआ एक टिकट
तेजस एक्सप्रेस में इन लाइन आरक्षण की सुविधा दी गई है। पहले दिन कानपुर सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइड में बनाए गए अतिरिक्त काउंटर से मात्र एक टिकट बुक हुआ।
12 मिनट रुकी रही ट्रेन
तेजस एक्सप्रेस में दो बार चेन पुलिंग होने से ट्रेन लेट हो गई। आईआरसीटीसी द्वारा ट्रेन में खाना न पहुंचा पाने पर कर्मियों ने चेन पुलिंग कर दी। आरपीएफ ने एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: अयोध्या: वकील की दलील, 'T-20 मैच की तरह हो रही सुनवाई', CJI ने कहा...
नई दिल्ली: पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या केस के सभी पक्षकारों से 18 अक्टूबर तक अपनी जिरह पूरी करने को कहा था. उस पृष्ठभूमि में मुस्लिम पक्ष की बहस के बाद गुरुवार शाम तक हिन्दू पक्ष को अपना जवाब देना है. इस कड़ी में अयोध्या केस (Ayodhya Case) की गुरुवार को 36वें दिन की सुनवाई में 20 मिनट के अंदर 2 हिन्दू पक्षकारों की दलील समेटने के बाद जब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़े के वकील से कहा कि आपके पास डेढ़ घंटे का समय है तो अखाड़े के वकील सुशील जैन ने कहा कि सुनवाई 20-20 मैच की तरह चल रही है.
इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं.
दरअसल निर्मोही अखाड़े के वकील द्वारा सुनवाई की तुलना 20-20 मैच से करने पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं. हमने आपको 4-5 दिन विस्तार से सुना है फिर भी आप इस तरह की बात कर रहे हैं. सुशील जैन ने अपने बयान के लिए खेद जताया. हिन्दू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद के वकील रंजीत कुमार को बमुश्किल 5 मिनट का समय ही मिला था जवाब देने के लिए. रामलला के वकील नरसिम्हन को 15 मिनट का समय मिला था...
अयोध्या केस: 'खुदाई में मिली कमल की आकृति...वह संरचना मंदिर ही थी'
रामललला विराजमान के वकील पी नरसिम्हा ने स्कंद पुराण का हवाला देते हुए कहा कि स्कंद पुराण में भी श्रीरामजन्म स्थान का जिक्र है और हिंदुओ का ये विश्वास रहा है कि यहां दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पुरातत्व विभाग के सबूत भी हमारे विश्वास की ही पुष्टि करते है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुशील जैन से पूछा कि उनको अपनी दलील पूरी करने में कितना समय लगेगा? जैन ने कहा कि मैं कोर्ट का एक मिनट भी बर्बाद नही करूंगा. जल्द से जल्द अपनी बात रखूंगा. निर्मोही अखाड़ा के वकील ने कहा कि वी आर वेरी पुअर पार्टी इन दिस केस. मैं जानता हूं कि आपके पास फैसला लिखने का समय नहीं लेकिन मेरी बात सुने बिना आपका फैसला अधूरा रहेगा, क्योंकि मेरा पूरा केस कब्ज़े पर आधारित है. अयोध्या मामले (Ayodhya Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 36वें दिन की सुनवाई में हिन्दू पक्षों को आज अपनी जिरह पूरी करनी है.
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *अदालत के आदेश पर CCTV लगते ही बंद हो गए पड़ोसियों में झगड़े*
अदालत ने दो पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने की शर्त क्या रखी, महीनों पुराने उनके विवाद बंद हो गए। दोनों ने एक दूसरे पर महिलाओं के साथ बदसलूकी, छेड़खानी जैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करा रखी थी और आए दिन पुलिस को शिकायत करते थे। सीसीटीवी लगते ही उनकी शिकायतें बंद हो गईं।
पुलिस ने इस मामले में अदालत में रिपोर्ट पेश कर बताया कि पिछले छह महीने में दोनों परिवारों के बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ है। दरअसल अदालत ने इन दोनों परिवारों को जमानत देते हुए कहा था कि अब जब भी एक-दूसरे की शिकायत करें तो उसकी सीसीटीवी फुटेज पेश करें, जिससे साबित हो सके कि वास्तविकता में क्या घटित हुआ था।
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि अदालत की इस शर्त का इन परिवारों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
यहां तक कि पुलिस ने इस बीच खुद कई बार जाकर दोनों परिवारों के हालात का जायजा लिया। पुलिस ने उनसे पूछा भी कि क्या किसी से कोई झगड़ा हुआ है लेकिन दोनों तरफ से कहा गया कि अब उन्हें एक-दूसरे से कोई शिकायत नहीं है।
बेमतलब की मुकदमेबाजी को रोका : रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत के समक्ष यह मामला आया था। अदालत ने पाया कि दोनों ही पक्षकार पड़ोसी हैं और इन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ परिवार की महिलाओं के साथ छेड़खानी, मारपीट व बंधक बनाने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज कराए हुए हैं। इतना ही नहीं, आए दिन दोनों परिवार पुलिस को कॉल कर एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करते रहते हैं। इस कारण विवाद बढ़ता जा रहा था। अदालत ने विवाद को सुलझाने के लिए पड़ोसियों को सीसीटीवी लगाने के लिए कहा ताकि आरोपों की सच्चाई सामने आ सके।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: ✍✍✍✍✍✍✍
🖊पत्रकार क्या है???🖊
1. जब किसी दबंग व्यक्ति द्वारा आपके अधिकार का हनन किया जाता है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
2. जब प्रशासन के किसी कर्मचारी द्वारा आप परेशान किये जाते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?✍
3. जब आप अपनी बात प्रशासन तक पहुंचना चाहते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
4. जब कोई लेखपाल,कोटेदार, प्रधान या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपका हक छीनने की कोशिश की जाती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
5. जब आप किसी राजनेता, अधिकारी के साथ किसी विशेष कार्यक्रम को करते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
6. जब आपको समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर भगाने की चिंता होती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
7. जब आप अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं और वहां उसे अध्यापक या किसी अन्य बच्चे द्वारा मानसिक यातनाएं दी जाती हैं तब एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
8. जब आप खेती करते हैं और किसी कारणवश आपकी फसल का नुकसान हो जाता है तब आपको अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाने के लिए आपको पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?✍
9.घर पर बैठ कर पूरे विश्व में क्या हो रहा है ये जानने के लिए एक पत्रकार के लेख की जरूरत पड़ती है ? ✍
10. जब आपको किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिल पाता तब आपको अपनी बात रखने के लिए एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ? ✍
11. जब भी कोई घटना-दुर्घटना होती है तो भी पत्रकार याद आते है ?📚✍
◆इन सवालों के जबाब स्वयं को दीजिये और फिर पत्रकारों के 📝विषय में कुछ करने के बारे में सोचिए। हम ये नहीं कहते कि हम अच्छे हैं लेकिन सब के सब गलत होते है यह गलत बात है। एक बिना सेलरी पर काम करने वाला व्यक्ति आपको पूरा दिन और कभी कभी तो पूरी रात जागकर, तो कभी धूप तो कभी ✍✍
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *महिला पुलिस कांस्टेबल का रेप करता रहा मौलाना, जानें किस डर से चुप रही वो*
झाड़फूंक से इलाज व घर की सुख शांति के अंधविश्वास के चलते जहां लोग तांत्रिकों व मौलानाओं की बातों में आकर छोटे बच्चों की बली चढ़ा रहे हैं, वहीं कई महिलाएं उनकी हवस का शिकार भी बन रही हैं। ताजा मामला बागपत की एक महिला हेड कांस्टेबल का है, जो अपने बेटे के इलाज व घर की सुख शांति के लिए एक मौलाना के जाल में फंस गई। मौलाना ने हेड कांस्टेबल के अंधविश्वास का फायदा पूरा फायदा उठाया और करीब एक वर्ष तक उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ ही इलाज के नाम पर उससे लाखों रुपये भी ऐंठ लिए। इतना ही नहीं शारीरिक संबंध न बनाने पर आरोपी मौलाना महिला हेड कांस्टेबल को उसके बेटे की मौत की चेतावनी देकर डराता था। मौलाना से परेशान होकर पीड़िता ने उसके खिलाफ महिला थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई।
फिलहाल आरोपी मौलाना फरार है, पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में दबिशें दे रही है।
पति की मौत के बाद आश्रित कोटे से बनी कांस्टेबल
जानकारी के अनुसार बिजनौर निवासी महिला वर्ष 2006 में अपने पति की मृत्यु के बाद आश्रित कोटे में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुई थी। अब पदोन्नति के बाद वह हेडकांस्टेबल के पद पर बागपत जनपद के एक थाने में तैनात है। पिछले साल 29 जून को महिला कांस्टेबल का छोटा पुत्र सड़क हादसे में घायल हो गया था। बेटे का कई माह तक आईसीयू में इलाज भी चला। इसी दौरान किसी ने उसके बेटे पर ऊपरी-हवा होने की बात बताई, तो कांस्टेबल घबरा गई। बेटे के उपचार के लिए वह 30 जुलाई 18 को शहर की मोमीन मस्जिद के मौलाना जुबैर के पास पहुंची।
मौलाना ने डराया फिर किया रेप
आरोप है कि मौलाना ने पीड़िता को उसके बेटे के अंदर जिन होने का हवाला देकर उसे रात के 10.30 बजे अकेला बुलाया। मौलाना ने खुद को जिन का रूप बताते हुए महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म किया। साथ ही आगे भी ऐसा करने को कहा। इस तरह मौलाना ने उसे बेटे की मौत का डर दिखाते हुए करीब एक वर्ष तक दुष्कर्म किया। चर्चा है कि मौलाना ने पीड़िता से करीब 27 लाख रुपये भी ऐंठ लिए हैं, हालांकि महिला हेड कांस्टेबल ने इन रुपये का एफआईआर में कोई जिक्र नहीं किया है। आरोप है कि मौलाना अब घर आकर भी परेशान करने लगा, जिससे पीड़िता मानसिक रूप से परेशान रहने लगी।
भाग गया मौलाना
मामले में पीड़िता ने पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी, जिसके बाद उसने महिला थाने में आरोपी मौलाना जुबैर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मौलाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका।मामले में एसपी प्रताप गोपेन्द्र यादव का कहना है कि महिला हेड कास्टेबल की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जल्द ही मौलाना को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *बिजुआ अपडेट*
*सचिन अग्रवाल*
*कुत्तो ने जमाया स्वास्थ्य केंद्र के बेड पर कब्जा जिम्मेदार नही देते ध्यान वसूली में व्यस्त रहने वालो को नही शासन का कोई ख़ौफ़*
*बिजुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना आवारा कुत्तों का केंद्र हर जगह कुत्ते के लिये उपलब्ध है बेड कभी लेबर रूम की तरफ तो कभी इमरजेंसी में तो जनरल वार्ड में मरीजो की जगह कुत्ते आराम फरमाते मिलते है*
*कुत्तो के ख़ौफ़ के चलते रात्रि में आने वाले मरीजो को उठानी पड़ती भारी दिक्कत क्योंकि खतरनाक कुत्ते मरीजो को दौड़ा भी लेते*
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: *संपूर्णानगर एसओ संदीप सिंह का बरम्बाबा चौराहे पर हुआ जोर दार स्वागत* आज सुबह लगभग 12 बजे गढ़ैया प्रधान पुत्र शिवराज सिंह व गस्त के दौरान भीरा एसओ प्रदीप सिंह ने फूल मालाओं से बरम्बाबा चौराहे पर संदीप सिंह का किया जोरदार स्वागत इस मौके पर बगिया खेड़ा प्रधान दिलीप सिंह,जिलापंचायत सदस्य नरेंद्र सिंह,व जंगल नंबर सात के पूर्व प्रधान दिनेश सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे
[07/10, 10:16 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: नवागत संपूर्णानगर एसओ का हुआ पड़रिया में भव्य स्वागत
एसओ संदीप सिंह का पडरिया प्रधान ने किया स्वागत
संपूर्णानगर जाते समय पडरिया चौराहे पर हुआ स्वागत
Tuesday, May 21, 2019
डीएम ने कड़े निर्देश दिए कि जिन गांव में आवारा जानवर घूमते हुए मिले उन गांव के लेखपाल एवं सचिव को सस्पेंड किया जाएगा तथा प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने गांव के सचिव व लेखपाल को बैठक में अंतिम चेतावनी दी कि अगर गांवों में आवारा पशु छुटटा घूमते मिले तो वे अपने आप को निलंबित समझें। एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों के गोशालाओं का नियमित निरीक्षण करें। गोशालाओं में मनरेगा से टीन शेड, चरही एवं पीने का पानी की व्यवस्था कराई जाए। बीडीओ क्षेत्रों के 10-10 गांवों में एक सप्ताह में गोशालों का निर्माण पूर्ण कराएं। पशुओं के खाने के लिए पूरे साल का भूसा खरीदने का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें।
डीएम ने गांव के सचिव व लेखपाल को बैठक में अंतिम चेतावनी दी कि अगर गांवों में आवारा पशु छुटटा घूमते मिले तो वे अपने आप को निलंबित समझें। एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों के गोशालाओं का नियमित निरीक्षण करें। गोशालाओं में मनरेगा से टीन शेड, चरही एवं पीने का पानी की व्यवस्था कराई जाए। बीडीओ क्षेत्रों के 10-10 गांवों में एक सप्ताह में गोशालों का निर्माण पूर्ण कराएं। पशुओं के खाने के लिए पूरे साल का भूसा खरीदने का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें।
Monday, April 29, 2019
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *यूपी: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में सुबह 9:00 बजे तक हुए मतदान में सभी जिलों में खीरी जिला सबसे टॉप पर चल रहा है। खीरी जिले में सुबह 9:00 बजे तक 11.70% मतदान किया जा चुका है।*
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: सिकंदराबाद बूथ पर विकलांग भी पहुँचा वोट डालने लुकमान खाँ
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *मैलानी अपडेट*
*सचिन अग्रवाल*
*मैलानी में लँच व्यवस्था बिंदास मसालेदार पूड़ी के साथ पैकिंग वाला दही ,एक पीस मिठाई,सब्जी,व मिनलर वाटर पानी की बोतल भी*
*मैलानी थाने के हर बूथ पर लगभग लंच पहुंचा*
*पत्रकारों को भी दिया गया लंच*
*मैलानी थानाध्यक्ष सुनीत कुमार है लंच इंचार्ज*
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: " निघासन "
प्राथमिक विद्यालय खैरहना के बूथ संख्या 20 व 21 में शान्ति पूर्ण ढंग से हो रहा मतदान ॥
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: आज अदलाबाद मे 2019 के महा पर्व मे अपनी हिस्सेदारी दे कर खुशी का इजहार करते हुये,विधान सभा महा सचिव भंडारी यादव,लोहिया वाहिनी विधान सभा अध्यक्ष संदीप यादव,कुलदीप यादव,दिवाकर यादव,चुन्ना अंसारी,रामखिलावन यादव,धिरेंदर यादव,अरविंद यादव,राकेश,अशर्फी,रामसिँह,ने गठबंधन के दोनो प्रत्याशी को वोट दिये
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: निघासन कोतवाली क्षेत्र के गांव रकेहटी में बुजुर्गो को वोट डालने में हो रही है.दिक्कत सिपाही अंदर नही ले जाने दे रहे वाहन दिखा रहे अपने वर्दी की हनक कोई व्यकित बुजुर्ग को वाहन से ले जाता है.वोट डलवाने तो उसे पुलिसकर्मी वर्दी की हनक में वाहन करते है.बाहर और करते है.बत्तमीजी से बात जिससे बुजुरुग् हो रहे परेशान।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *3 बजे तक मतदान👇🏻👇🏻*
*निघासन 42*
*पलिया 41*
*गोला 48.56*
*श्रीनगर 49.20*
*लखीमपुर 48.60*
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: सिंगाही -खीरी
सिंगाही थाना क्षेत्र के अंतर्गत शाम 6 बजे तक की पोलिंग आपडेट नौरंगाबाद72.26%करदहिया74.21%नौबना 81.45%फरदहिया75.75%तकिया79.08%बथुआ टंडा67%मटहिया 83.94%
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: लखीमपुर खीरी
28 खीरी लोकसभा में 63 % मतदान 2014 में था 64.24
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *निघासन*।
*जिलानिर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह व पुलिस अधीक्षक पूनम की मेहनत लाई रंग*।
*निघासन सर्किल क्षेत्र में उपजिलाधिकारी ओपी गुप्ता,सीओं रविंद्र वर्मा,कोतवाल निघासन अमित कुमार दुबे,कोतवाली तिकुनियां व सिंगाही की समस्त पुलिस टीम ने पहले से ही लोकसभा/उपविधानसभा चुनाव में गड़बड़ी फैलाने वालों को चिंहित कर पंहुचाया जेल*।
*निघासन सर्किल क्षेत्र में शांतिपूर्ण निपटा चुनाव कहीं कोई गड़बडी की नहीं मिली सूचना।क्षेत्रवासियों ने की प्रंशसा*।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *गैस सिलेंडर बना आग का गोला, मची भगदड़*
*समाजसेवी व्यापारी नेता रवि गुप्ता ने पहुंचाई मदद*
*मदद के चलते बड़ा हादसा होने से बचा*
मोहल्ला किसान में उस समय हड़कम्प मच गया जब एक घर में चाय बनाते समय गैस सिलेंडर में अचानक आग लग गई। आग के लगते ही घर में भगदड़ मच गई। मामले की सूचना व्यापारी नेता रवि गुप्ता को दी गई। सूचना मिलते ही रवि गुप्ता ने अग्निशमन अधिकारी को फोन लगाकर तुरंत पहुंचे का अग्रह किया। कुछ ही देर में अग्निशमन के अधिकारी अपने स्टाफ के साथ मौके पर आ पहुंचे जिसके बाद गैस सिलेंडर में लगी आग पर काबू पाया गया।
लोकसभा चुनाव के मतदान को लेकर सोमवार को काफी गहमा गहमी का माहौल था। करीब करीब सभी सोशल वर्कर से लेकर स्थानीय नेता चुनाव में लगे हुए थे। इसी बीच शहर के मोहल्ला किसान दो निवासी श्याम सुंनदर पुत्र रामस्वरुप के घर में दोपहर के वक्त चाय बनाते सिलेंडर में आग लगते ही घर व आस पास के लोगों में भगदड़ मच गई। आग की सूचना चुनाव में लगे व्यापारी नेता रवि गुप्ता को पीड़ितों ने दी। सूचना के बाद रवि गुप्ता ने अग्निशमन अधिकारी राधेश्याम पाल को फोन लगाकर तुरंत सहायता देने की बात कही। सूचना पर कुछ ही मिनटों में अग्निशमन अधिकारी राधेश्याम पाल अपने कर्मी अश्वनी के साथ मौके पर आ पहुंचे और सिलेंडर में लगी आग पर काबू कर लिया। मौजूद भीड़ ने रवि गुप्ता व कर्मियों की तत्परता का आभार जताया।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: लखीमपुर खीरी में तैनात रहे अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा प्रसाद सिंह आईपीएस बने।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *प्राप्त अन्तिम चुनाव आँकड़े*
*कंट्रोल रूम के प्रभारी रत्नेश चन्द्र ने बताया कि अबतक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार खीरी लोक सभा में कुल 64.51 प्रतिशत वोट पड़े। जिसमें विधानसभा पलिया में 65.16* *प्रतिशत, निघासन में 67.49 प्रतिशत, श्रीनगर 66.51 प्रतिशत, गोला* *63.56 प्रतिशत, लखीमपुर में 59.86 प्रतिशत पड़े।*
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: सिकंदराबाद बूथ पर विकलांग भी पहुँचा वोट डालने लुकमान खाँ
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *मैलानी अपडेट*
*सचिन अग्रवाल*
*मैलानी में लँच व्यवस्था बिंदास मसालेदार पूड़ी के साथ पैकिंग वाला दही ,एक पीस मिठाई,सब्जी,व मिनलर वाटर पानी की बोतल भी*
*मैलानी थाने के हर बूथ पर लगभग लंच पहुंचा*
*पत्रकारों को भी दिया गया लंच*
*मैलानी थानाध्यक्ष सुनीत कुमार है लंच इंचार्ज*
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: " निघासन "
प्राथमिक विद्यालय खैरहना के बूथ संख्या 20 व 21 में शान्ति पूर्ण ढंग से हो रहा मतदान ॥
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: आज अदलाबाद मे 2019 के महा पर्व मे अपनी हिस्सेदारी दे कर खुशी का इजहार करते हुये,विधान सभा महा सचिव भंडारी यादव,लोहिया वाहिनी विधान सभा अध्यक्ष संदीप यादव,कुलदीप यादव,दिवाकर यादव,चुन्ना अंसारी,रामखिलावन यादव,धिरेंदर यादव,अरविंद यादव,राकेश,अशर्फी,रामसिँह,ने गठबंधन के दोनो प्रत्याशी को वोट दिये
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: निघासन कोतवाली क्षेत्र के गांव रकेहटी में बुजुर्गो को वोट डालने में हो रही है.दिक्कत सिपाही अंदर नही ले जाने दे रहे वाहन दिखा रहे अपने वर्दी की हनक कोई व्यकित बुजुर्ग को वाहन से ले जाता है.वोट डलवाने तो उसे पुलिसकर्मी वर्दी की हनक में वाहन करते है.बाहर और करते है.बत्तमीजी से बात जिससे बुजुरुग् हो रहे परेशान।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *3 बजे तक मतदान👇🏻👇🏻*
*निघासन 42*
*पलिया 41*
*गोला 48.56*
*श्रीनगर 49.20*
*लखीमपुर 48.60*
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: सिंगाही -खीरी
सिंगाही थाना क्षेत्र के अंतर्गत शाम 6 बजे तक की पोलिंग आपडेट नौरंगाबाद72.26%करदहिया74.21%नौबना 81.45%फरदहिया75.75%तकिया79.08%बथुआ टंडा67%मटहिया 83.94%
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: लखीमपुर खीरी
28 खीरी लोकसभा में 63 % मतदान 2014 में था 64.24
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *निघासन*।
*जिलानिर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह व पुलिस अधीक्षक पूनम की मेहनत लाई रंग*।
*निघासन सर्किल क्षेत्र में उपजिलाधिकारी ओपी गुप्ता,सीओं रविंद्र वर्मा,कोतवाल निघासन अमित कुमार दुबे,कोतवाली तिकुनियां व सिंगाही की समस्त पुलिस टीम ने पहले से ही लोकसभा/उपविधानसभा चुनाव में गड़बड़ी फैलाने वालों को चिंहित कर पंहुचाया जेल*।
*निघासन सर्किल क्षेत्र में शांतिपूर्ण निपटा चुनाव कहीं कोई गड़बडी की नहीं मिली सूचना।क्षेत्रवासियों ने की प्रंशसा*।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *गैस सिलेंडर बना आग का गोला, मची भगदड़*
*समाजसेवी व्यापारी नेता रवि गुप्ता ने पहुंचाई मदद*
*मदद के चलते बड़ा हादसा होने से बचा*
मोहल्ला किसान में उस समय हड़कम्प मच गया जब एक घर में चाय बनाते समय गैस सिलेंडर में अचानक आग लग गई। आग के लगते ही घर में भगदड़ मच गई। मामले की सूचना व्यापारी नेता रवि गुप्ता को दी गई। सूचना मिलते ही रवि गुप्ता ने अग्निशमन अधिकारी को फोन लगाकर तुरंत पहुंचे का अग्रह किया। कुछ ही देर में अग्निशमन के अधिकारी अपने स्टाफ के साथ मौके पर आ पहुंचे जिसके बाद गैस सिलेंडर में लगी आग पर काबू पाया गया।
लोकसभा चुनाव के मतदान को लेकर सोमवार को काफी गहमा गहमी का माहौल था। करीब करीब सभी सोशल वर्कर से लेकर स्थानीय नेता चुनाव में लगे हुए थे। इसी बीच शहर के मोहल्ला किसान दो निवासी श्याम सुंनदर पुत्र रामस्वरुप के घर में दोपहर के वक्त चाय बनाते सिलेंडर में आग लगते ही घर व आस पास के लोगों में भगदड़ मच गई। आग की सूचना चुनाव में लगे व्यापारी नेता रवि गुप्ता को पीड़ितों ने दी। सूचना के बाद रवि गुप्ता ने अग्निशमन अधिकारी राधेश्याम पाल को फोन लगाकर तुरंत सहायता देने की बात कही। सूचना पर कुछ ही मिनटों में अग्निशमन अधिकारी राधेश्याम पाल अपने कर्मी अश्वनी के साथ मौके पर आ पहुंचे और सिलेंडर में लगी आग पर काबू कर लिया। मौजूद भीड़ ने रवि गुप्ता व कर्मियों की तत्परता का आभार जताया।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: लखीमपुर खीरी में तैनात रहे अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा प्रसाद सिंह आईपीएस बने।
[30/04, 10:04 am] Ajeet Singh Saini Gndnews: *प्राप्त अन्तिम चुनाव आँकड़े*
*कंट्रोल रूम के प्रभारी रत्नेश चन्द्र ने बताया कि अबतक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार खीरी लोक सभा में कुल 64.51 प्रतिशत वोट पड़े। जिसमें विधानसभा पलिया में 65.16* *प्रतिशत, निघासन में 67.49 प्रतिशत, श्रीनगर 66.51 प्रतिशत, गोला* *63.56 प्रतिशत, लखीमपुर में 59.86 प्रतिशत पड़े।*
Subscribe to:
Posts (Atom)
INCOME LINKS
https://myshopprime.com/GND.ONLINE.SHOPPING/qweexmj
-
[07/10, 8:25 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सभी देशवासियों को मेरी तरफ से दशहरा दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं// अगर आप में से कोई किसी भी प...
-
http://www.falundafa.org क्यों चीन अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन कर रहा है? भारत जहाँ चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न कर...
-
https://myshopprime.com/GND.ONLINE.SHOPPING/qweexmj
-
रणवीर सिंह आपको चीनी मोबाइल फोन का प्रचार क्यों नहीं करना चाहिए (Alternate: रणवीर सिंह जवाब दें, क्यों कर रहे हैं प्रचार चीनी मोबाइल फोन क...
-
फालुन दाफा की ओर आकर्षित हो रहे मुंबई के फैशन मॉडल्स मुंबई के फैशन मॉडल्स क्यों अपना रहे फालुन दाफा ध्यान अभ्यास? मुंबई के फैशन मॉडल्स क्...
-
[07/10, 8:25 pm] Ajeet Singh Saini GNDnews: सभी देशवासियों को मेरी तरफ से दशहरा दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं// अगर आप में से कोई किसी भी प...
-
इस सौन्दर्य प्रतियोगी से चीन क्यों डरा हुआ है? कैसे इस सौन्दर्य प्रतियोगी के साहस के सामने चीन हुआ लाचार कैसे इस सौन्दर्य प्रतियोगी का सा...
-