Wednesday, January 2, 2019

मोहम्मदी-खीरी। अपराधी, खाकी, राजनीति एवं नोटो के गठजोड़ ने ग्राम रमुआपुर की 16 वर्षीय बिटिया को अकाल मौत की भेट चढ़ा दिया। अगर 21 दिन पूर्व ही पुलिस ने इस गठजोड़ से अलग होकर नामजद अभियुक्तो को दबोच लिया होता तो हो सकता था कि वो जिन्दा बरामद हो जाती। 21 दिन पूर्व अपहरण की गयी बिटिया का पशुओ के द्वारा खाया नग्न अवस्था में एक गन्ने के खेत मे कल शाम को शव पाया गया। जिस खेत मे शव पाया गया। उस खेत को तीन दिन पूर्व बिटिया के परिवार जनो एवं खाकी ने खगाला था। तब वहां कोई शव नहीं था। घटना ने पुलिस का चेहरा बेनकाब कर दिया। मृतका बिटिया के पिता जब-जब न्याय पाने की आस लेकर कोतवाली आया तब-तब उसे गालियो एवं अपमान का नाश्ता देकर भगा दिया गया। अब खाकी उस पर दवाब बनाए हुए है कि किसी अधिकारी या मीडिया के सामने मुंह खोला तो जीवन बरबाद कर दूंगा। बिटिया के पिता के द्वारा 12 दिसम्बर को गांव के ही दो लोगो को नामजद करते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया गया था तथा अपहरण में शामिल अन्य लोगो के नामो का खुलासा भी किया गया था। पुलिस नामजद सहित घटना में शामिल अन्य लोगो को कोतवाली लाई भी थी। जिन्हे नोटो की हनक और खादी की धमक के दवाब एवं चैकड़ी के बने गठ़जोड़ के चलते छोड़ दिया गया था। अपहरत बिटिया जिसके साथ सम्भवता सामूहिक बलात्कार के उपरान्त हत्या की गयी का शव बरामद होने के उपरान्त पुलिस दोषियो को बचाने में लगी है।
बताते चले कि कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रमुआपुर निवासी शिव प्रताप सिंह की 16 वर्षीय बिटिया का एक दिसम्बर 2018 को अपहरण कर लिया गया था। 12 दिसम्बर 2018 को उन्होने कोतवाली में पांच-छः लोगो को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज करने को तहरीर दी लेकिन पुलिस ने दो लोगो ज्ञानेन्द्र सिंह व उसके पिता छोटे सिंह को ही नामजद करते हुए मु0अ0सं0 726/18 धारा 363, 366, 506 व 352 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर अपना फर्ज पूरा कर दिखाया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस उक्त ज्ञानेन्द्र सिंह उसके पिता छोटे सिंह सहित ग्राम असौआ के विनोद, शिवेन्द्र सिंह, राजवीर सिंह निवासी ग्राम ढकिया तिवारी थाना निगोही शाहजहांपुर व भीमा निवासी ग्राम कुइया मदारपुर को पकड़ कर कोतवाली लायी। उनकी खातिरदारी भी की गयी लेकिन दूसरे दिन पुलिस ने इनको छोड़ दिया और बिटिया के पिता का उत्पीड़न शुरू हो गया। वो जब-जब कोतवाली आया और अपनी बिटिया के अपहरणकर्ताओ को पकड़ने की बात कहता उसका उत्पीड़न किया जाता। यही नहीं पुलिस ने मृतक बिटिया के पिता को ही हत्या कर देने का दोषी करार देकर उसे प्रताड़ित किया जाता। यही नही शिव प्रताप सिंह अपनी बिटिया को सारी रिश्तेदारी एवं दिल्ली तक तलाश कर आया। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। बिटिया के गम मे पागल हो रही उसकी मां ने फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास भी किया तथा शिव प्रताप विधायक लोकेन्द्र प्रसाद सिंह व नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के दरबार तक माथा टेका। इन बड़े बदरबारो से भी पुलिस को फोनकर कार्यवाही के निर्देश दिये गये। लेकिन पुलिस अपने गठजोड़ के कारण अभियुक्तो को अभय दान देकर बिटिया के पिता का ही उत्पीड़न करती रही।
अब जब मंगलवार की शाम को उस गन्ने के खेत मे पूर्ण रूप से नग्नअवस्था में पशुओ का खाया हुआ शव पाया गया। मृतका बिटिया के कपड़े फटे हुए शाल कही तो स्वेटर चप्पल कही पड़े थे। घटना स्थल की स्थिति एवं शव की स्थिति बया कर रही थी कि उसके साथ पहले जमकर हैवानियत का खेल खेला गया, फिर उसकी हत्या की गयी और शव को गन्ने के किनारे उस गन्ने के खेत में लाकर डाला गया जहां दो तीन दिन पूर्व तलाश किया जा चुका था। शिव प्रताप का कहना है कि अगर पुलिस उसे अपमानित करने व अभियुक्तो को बचाने के बजाए उसे तलाश लेती तो वो जीवित होती।
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मोहम्मदी-खीरी। इस सनसनी खेज अपहरण के बाद जघन्य हत्या की सूचना पाकर अपर पुलिस अधीक्षक धनश्याम चैरसिया तथा उप पुलिस अधीक्षक श्रेष्ठा उपाध्याय ने घटना स्थल का निरीक्षण किया तथा सभी अभियुक्तो को शीघ्र गिरफ्तार करने की बात कहते हुए कहा कि घटना अति गम्भीर है तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिये गए है तथा अभियुक्तो को पकड़ने के लिये इंस्पेक्टर डीके सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गयी है।
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मोहम्मदी-खीरी। रमुआपुर की बिटिया के साथ हैवानो ने जहां हैवानियत की सारी हदे पारकर दी थी वही हत्यारो ने उसके सर के बाल ब्लेड या स्तुरे से घोट दिये थे। उसके शव से कुछ फासले पर दो जगह पर पड़े थे। खेत में कई जगह पर खून भी पड़ा था। जिससे शंका हो रही है कि जब मृतका का शव लाया गया होगा तो कोई जख्म होगा जिससे खून गिरा होगा।
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मोहम्मदी-खीरी। इस दिन दहला देने वाली घटना में पुलिस का आज भी अमानवीय चेहरा उजागर हुआ। जब हल्का दरोगा ने शव ले जाने व पोस्टमार्टम कराकर वापस शव लाने के लिये शिव प्रताप सिंह से तीन हजार रूपयो की मांग की। यही नही उपपुलिस अधीक्षक श्रेष्ठा उपाध्याय से जब पत्रकारो ने उनकी वाइट लेने व उनका पक्ष जानने के लिये उनके कार्यालय गये तो उन्होने ‘‘बड़ी घटना है इस पर पुलिस अधीक्षक ही कुछ कह सकती है’’ कह कर कुछ बोलने व बाइट देने से मना कर दिया।


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