अजीत सिंह सैनी gnd news .... भीखमपुर (लखीमपुर खीरी)। मितौली थाना क्षेत्र के गांव रतहरा में प्रेमी युगल के शव पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार रात 11 बजे गांव पहुंचे। बुधवार को गमगीन माहौल में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। युवती के शव का दाह संस्कार, जबकि युवक को दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया।
ग्राम पंचायत ग्रंट इनायतचीफ के गांव रतहरा में बुधवार को दिन भर मातम पसरा रहा। आंखों के सामने खेलते बड़े हुए युवक-युवती की ऐसी मौत से हर कोई हैरान था। जैसे-तैसे परिवार वालों ने अंतिम संस्कार के इंतजाम किए। आरती को उसके परिजनों ने 11 बजे मुखाग्नि देकर दाह संस्कार किया। वहीं दूसरी ओर प्रेमी महावीर मौर्य के शव को घरवालों ने बाग में दफनाकर अंतिम संस्कार किया। दोनों के अंतिम संस्कार में गांव और क्षेत्र के तमाम लोग मौजूद रहे। मृतक महावीर के परिजनों ने बताया कि दोनों कभी एक साथ नही पढ़े और न ही आरती के पास मोबाइल था। आरती की शादी की बात पक्की होने के बाद गोदभराई भी हो गई थी। दोनों की आत्महत्या करने की कहानी गांव में लोगों के गले नहीं उतर रही। सवाल यह उठता है कि लड़की के पिता रविंद्र वर्मा का कहना है कि महावीर ने 10 दिन पहले ही हमारे पड़ोस में ममेरे भाई के यहां छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया था। तो क्या 10 दिन में दोनों के बीच प्रेम इस कदर परवान चढ़ गया कि एक साथ मरने की ठान ली। इसके बाद बिरादरी के डर से आत्महत्या करने की गलती कर बैठे। वहीं सवाल यह भी उठता है कि दोनों छिपकर कहां मिलते थे, क्योंकि दोनों को मिलते हुए गांव में किसी ने नहीं देखा। गांव वालों की मानें तो महावीर में कोई खुराफात नहीं थी। वह व्यवहार कुशल था। वहीं दूसरी ओर आरती भी कभी घर से ज्यादा नहीं निकलती थी। सोमवार को वह घर से शाम को निकलकर दरवाजे के सामने शौचालय जाने की बात कहकर गई थी, जहां से लौटकर नहीं आई।
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मृतक से मिला मोबाइल पुलिस के कब्जे में
मृतक महावीर की जेब से मोबाइल मिला था, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। सीओ मितौली प्रदीप सिंह ने बताया कि मोबाइल की जांच से शायद कोई बात पता चले, जिससे मौत की गुत्थी के अनछुए पहलू उजागर हो सकें।
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